आगरा में भी खनन माफियाओं पर प्रशासन का चाबुक चला है। जहां पर खुद एसडीएम खेरागढ़ अनुज नेहरा ने सुबह करीब 7 बजे न्यू दक्षिणी बाईपास पर डेरा जमा दिया। उन्होंने सैंया की ओर से आते भारी वाहनों को रुकवाना शुरू कर दिया। उनमें गिट्टी और बालू भरी हुई थी। कुछ चालक कार्रवाई को देख वाहन को छोड़कर भाग निकले।
आगरा: सहारनपुर के बाद अब आगरा मे खनन माफियाओं पर प्रशासन की कसनी देखने को मिली है अब आगरा में खुद एसडीएम ने मोर्चा संभाला है। एसडीएम खेरागढ़ की शुक्रवार को खनन माफिया के वाहनों पर की गई कार्रवाई से परिवहन और खनिज विभाग की पोल खुल गई। रेती, गिट्टी समेत अन्य प्रतिबंधित बालू के दो दर्जन से अधिक ओवरलोड वाहन जब्त किए गए हैं। उन्हें थाना मलपुरा पुलिस के सुपुर्द कर दिया गया है।
यह है पूरा मामला
एसडीएम खेरागढ़ अनुज नेहरा ने सुबह करीब 7 बजे न्यू दक्षिणी बाईपास पर डेरा जमा दिया। उन्होंने सैंया की ओर से आते भारी वाहनों को रुकवाना शुरू कर दिया और उसकी चेकिंग शूरु की तो गाड़ियों में गिट्टी और बालू भरी हुई थी। कुछ चालक कार्रवाई को देख वाहन को छोड़कर भाग निकले। कुछ चालकों ने वाहनों को गलत दिशा में दौड़ा दिया। इस पर एसडीएम ने किरावली और मलपुरा की पुलिस बुला ली। ये सभी वाहन ओवर लोड थे। बाईपास पर गांव बाद से नगला सांवला और कारे तक लंबी कतार लग गई। सभी वाहनों पर पुलिस तैनात कर दी। इस कार्रवाई में करीब दो दर्जन वाहन खड़े किए गए हैं। पुलिस ने उनकी जांच पड़ताल शुरू कर दी है।
पुलिस और परिवहन विभाग की लापरवाही आई सामने
अगर इस मामले में सूत्रो का कहना है कि खनन पर रोकथाम के शासन के सख्त निर्देशों और प्रशासन की सख्ती के बावजूद खनन माफिया अगर नए-नए रूट तलाश कर बड़े पैमाने पर खनिज सामग्री सप्लाई कर रहे है , तो इसमें कहीं न कहीं पुलिस और परिवहन विभाग की लचर भूमिका नज़र आती है। हालांकि प्रशासन की इस कार्रवाई के बाद खनन माफियाओं में हड़कंप मचा हुआ है। एसडीएम की देर रात छापेमारी टीम में तहसीलदार सदर नितिन राजपूत, लेखपाल सुंदर सिंह, रवि सैनी शामिल रहे।
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