सुप्रीम कोर्ट ने ताजमहल के 500 मीटर के दायरे में आने वाली सभी व्यवसायिक गतिविधियों को तत्काल रोकने का आदेश दिया है। वहीं सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश को सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी आगरा विकास प्राधिकरण को सौंपी गई है।
सैय्यद मो नवाज़
आगरा: सुप्रीम कोर्ट ने ताजमहल के 500 मीटर के दायरे में सभी कॉमर्शियल एक्टिविटी को फौरन रोकने का आदेश दिया गया है। सुप्रीम कोर्ट ने आगरा विकास प्राधिकरण को निर्देश का अनुपालन सुनिश्चित कराने की जिम्मेदारी सौंपी है। बता दें कि 17वीं शताब्दी में ताजमहल के 500 मीटर के दायरे में कॉमर्शियल एक्टिविटी पर प्रतिबंध लगाने के लिए संबंधित अथॉरिटी को निर्देश देने की मांग की गई थी। सुप्रीम कोर्ट ने उस आवेदन पर अब स्वीकृति दे दी है।
ताजमहल के 500 मीटर के दायरे से हटाई जाएंगी कमर्शियल एक्टिविटीज
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आवेदन में किए गए प्रार्थना पत्र को स्वीकार करते हुए हम आगरा विकास प्राधिकरण को ताजमहल की सीमा या दीवार से 500 मीटर के भीतर सभी व्यावसायिक गतिविधियों को हटाने का निर्देश देते हैं। ताजमहल के 500 मीटर के दायरे में बड़ी संख्या में हैंडीक्राफ्ट शोरूम, दुकानें व होटल स्थित हैं। ऐसे में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद इन्हें हटाया जाएगा। इन दुकानों के सहारे तमाम लोगों की रोजी रोटी चल रही है। ताजमहल अक्सर सुर्खियों में रहता है। इससे पहले ताजमहल के तोजोमहालय होने का भी दावा किया गया था।
तेजोमहालय होने का किया गया था दावा
इसके लिए नगर निगम सदन में ताजमहल का नाम तेजोमहालय करने का प्रस्ताव भी दिया गया था। वहीं कानूनी पहलुओं पर विचार करने के बाद ही इस प्रस्ताव को भेजा जा सकेगा। भाजपा पार्षद शोभाराम राठौर के अनुसार, शाहजहां की पत्नी मुमताज महल का असली नाम अंजुम बानो था। उन्होंने कहा था कि अंजुम बानो यानि कि मुमताज महल की मौत के बाद उन्हें बुरहानपुर में दफन किया गया था। वहीं शाहजहां की पत्नी की मौत के करीब 22 साल बाद ताजमहल का निर्माण हुआ था। ऐसे में उनकी कब्र को दोबारा से ताजमहल में बनवाया गया था।
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