अखिलेश यादव ने मुलायम सिंह यादव की विरासत को बचाने के लिए अपनी सालों पुरानी कसम तोड़ दी है। उन्होंने 2017 में कहा था कि अगर बीजेपी परिवारवाद का आरोप लगाती है तो मेरी पत्नी अगला चुनाव नहीं लड़ेंगी। हालांकि पार्टी की ओऱ से डिंपल को ही प्रत्याशी बनाया गया।
लखनऊ: मैनपुरी लोकसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव के लिए समाजवादी पार्टी ने डिंपल यादव को प्रत्याशी बनाया है। मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद लगातार यह सवाल खड़े हो रहे थे कि आखिर कौन उनकी सीट से चुनाव लड़ेगा। इसको लेकर तेज प्रताप यादव, धर्मेंद्र यादव और शिवपाल यादव समेत कई नाम चर्चाओं में थे। हालांकि गुरुवार को पार्टी की ओर से यह स्पष्ट कर दिया गया कि डिंपल ही इस सीट से चुनाव लड़ेंगी। लेकिन इस ऐलान के साथ ही अखिलेश की सालों पुरानी एक कसम भी टूट गई है। यह वही कसम हैं जिसमें उन्होंने कहा था कि हमारी पत्नी अगली बार चुनाव नहीं लड़ेंगी।
'अगली बार हमारी पत्नी चुनाव नहीं लड़ेंगी'
यह कसम उस दौरान की है जब अखिलेश यादव पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। बातचीत में बीजेपी की ओर से परिवारवाद के लगाए जा रहे आरोपों पर अखिलेश से सवाल किया गया। इसके जवाब में उन्होंने कहा कि, 'बीजेपी में परिवारवाद है। बीजेपी को अपनी पार्टी में परिवारवाद को देखना चाहिए। अपने परिवारवाद को लेकर कोई कुछ नहीं बोलता। यदि हमारा परिवारवाद है तो हम तय करते हैं कि अगली बार हमारी पत्नी चुनाव नहीं लड़ेंगी।'
तेज प्रताप को माना जा रहा था सबसे मजबूत दावेदार
गौरतलब है कि मैनपुरी लोकसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव को लेकर सबसे मजबूत दावा तेज प्रताप के नाम को लेकर किया जा रहा था। दरअसल मैनपुरी सीट पर 1996 से लेकर 2019 तक मुलायम सिंह यादव के परिवार का ही कोई सदस्य उम्मीदवार रहा है। ऐसे में तय था कि उनके निधन के बाद भी पार्टी परिवार के ही किसी सदस्य को यहां से उतारेगी। वहीं माना जा रहा है कि तेज प्रताप के नाम को लेकर परिवार में भी ज्यादातर लोगों की सहमति थी। तेजप्रताप पहले भी मैनपुरी से सांसद रह चुके हैं और उन्होंने 2014 में मोदी लहर के बावजूद विरोधियों को बड़े अंतर से चुनाव हराया था। तेज प्रताप लालू यादव की बेटी राजलक्ष्मी के पति हैं। लेकिन पार्टी की ओर से अंतिम समय पर डिंपल का नाम आगे कर सभी को हैरान कर दिया गया है।