अखिलेश यादव करेंगे सहयोगी दलों के विधायकों के साथ बैठक, चाचा शिवपाल के पहुंचने पर सस्पेंस बरकरार

बैठक में हार के कारणों की पड़ताल होगी। सहयोगी दलों के नेताओं के साथ बातचीत में गठबंधन की मजबूती पर भी चर्चा होगी। अगला लोकसभा चुनाव मिल कर लड़ने पर भी चर्चा होगी। विधानसभा में सपा गठबंधन के 125 विधायक हैं। इसमें गठबंधन के 14 विधायक शामिल हैं। 
 

Asianet News Hindi | Published : Mar 28, 2022 2:34 AM IST

लखनऊ: सपा मुखिया अखिलेश यादव ने सोमवार को विधानसभा चुनाव में मनमुताबिक नतीजे न आने के सवाल पर सहयोगी दलों के साथ मंथन करेंगे। पहले से नाराज चल रहे शिवपाल यादव सहयोगी दलों की इस बैठक में शामिल होते हैं या नहीं इस पर सस्पेंस अभी भी बरकरार है। 

बैठक में रालोद, सुभासपा, जनवादी पार्टी, महान दल, अपना दल कमेरावादी को भी बुलाया गया है। अब सवाल है कि इस बैठक में प्रसपा अध्यक्ष शिवपाल यादव  शामिल होते हैं या नहीं।  शिवपाल यादव सपा विधायकों की बैठक में न बुलाए जाने से नाराज हैं। 

वह सपा विधायक के तौर पर आना चाहते थे जबकि सपा उन्हें सपा विधायक के बजाए प्रसपा अध्यक्ष के तौर पर ज्यादा अहमियत दे रही है। इसलिए उन्हें सहयोगी दल में रखा हुआ  है। लेकिन शिवपाल के तेवर बता रहे हैं कि अब वह बड़ा निर्णय कर सकते हैं।

समाजवादी पार्टी विधानमंडल दल की बैठक में न बुलाए जाने से नाराज होकर शिवपाल यादव रविवार को दिल्ली रवाना हुए। इससे पहले उन्होंने इटावा जाकर कुछ खास लोगों से मुलाकात की। जिसके बाद अब शिवपाल यादव दिल्ली के लिए निकल पड़े हैं। वहीं उनके इस तरह से देश की राजधानी का रुख करने के बाद राजनीतिक सरगर्मियां बढ़ गई है। 

'जब अफने और परायों में भेद न पता हो तो महाभारत होती है'
शिवपाल यादव का इससे पहले यह भी बयान सामने आया कि जब अपने और परायों में भेद नहीं पता होता है तब महाभारत होती है। उन्होंने कहा कि यह धर्म और राजनीति दोनों पर नीति लागू होती है। शिवपाल में कहा कि जिन प्रत्याशियों ने साइकिल के चुनाव चिन्ह पर चुनाव लड़ा उसमें उनकी जीत सबसे बड़ी हुई है। बावजूद इसके उन्हें विधायकों की बैठक में कोई बुलावा नहीं भेजा गया। यही कारण है कि वह बैठक में शामिल नहीं हुए। 

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