
अलीगढ़: उत्तर प्रदेश के जिले अलीगढ़ में शुक्रवार को दर्दनाक हादसा सामने आया है। शहर के एक गांव में प्राथमिक स्कूल में अचानक छत गिरने से पांच बच्चे मलबे में दब गए। बच्चे पढ़ाई कर रहे थे तभी अचानक कमरे की छत ढह गई। इस वजह से स्कूल में चीख पुकार मच गई। विद्यालय में हादसा देख आसपास के ग्रामीण तुरंत वहां पहुंचे और बच्चों को मलबे के नीचे से निकालने में लग गए। इसके अलावा लोगों ने एंबुलेंस कर्मियों को भी सूचना दी। उसके बाद सूचना पर पहुंची एंबुलेंस ने ग्रामीणों ने बच्चों को अस्पताल में भर्ती कराया है। हालांक सभी बच्चे खतरे से बाहर है।
स्कूल में पढ़ाई के दौरान भरभरा कर गिर गई छत
जानकारी के अनुसार यह मामला शहर के इगलास तहसील के गांव बेसवा की कन्या पाठशाला में हुआ है। यह घटना करीब 12 बजे के आसपास की है। शुक्रवार की दोपहर क्लास में पढ़ाई चल रही थी और इसी दौरान अचानक छत गिरने से किसी को भी संभलने का मौका नहीं मिला। बच्चों ने बताया कि वह अपनी क्लास में थी और टीचर से क्लास वर्क ले रही थी। इसी दौरान अचानक आवाज हुई और छत उनके ऊपर गिर गई। इस वजह से उसका पैर मलबे में दब गया और वह जोर-जोर चिल्लाने लगी। हादसे में कई बच्चे गंभीर रूप से घायल हुए है। राहत इसी बात की है वह सभी सुरक्षित है। स्कूल में हुई इस घटना के बाद से ग्रामीणों में नाराजगी बनी हुई है।
चेयरमैन को कई बार पत्र लिखने के बाद भी कर रहे अनदेखी
विद्यालय में गिरी छत को लेकर पार्षद का कहना है कि शासने के स्पष्ट आदेश हैं कि जर्जर भवन और कमरों में बच्चों की कक्षाएं नहीं चलाई जाएंगी। इसके बाद भी जर्जर भवन में ही बच्चों की कक्षा संचालित की जा रही थी। क्षेत्रिय पार्षद समीर खान का कहना है कि स्कूल के कमरे की छत पूरी तरह से जर्जर थी। इसको रिपेयर कराने के लिए चेयरमैन को उन्होंने कई बार पत्र भी लिखा था। उसके बाद भी वह इसकी अनदेखी कर रहे थे। बीते दिनों हुई भारी बारिश की वजह से छत और ज्यादा खराब हो गई, जिसके चलते शुक्रवार को हादसा हुआ है। वहीं स्थानीय लोगों का कहना है कि इस बारे में कई बार हेडमास्टर और शिक्षिकों से इसको लेकर शिकायत की गई थी।
अधिकारियों के पहुंचने पर ग्रामीणों ने किया विरोध
प्राथमिक स्कूल की छत गिरने से अधिकारी महकमें में हलचल मच गई है क्योंकि शनिवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अलीगढ़ आ रहे है। सूचना मिलते ही अधिकारी तत्काल घटनास्थल की ओर दौड़ पड़े लेकिन तब तक ग्रामीणों बच्चों को अस्पताल में पहुंचा चुके थे। इस मामले को लेकर अधिकारियों ने जांच भी शुरू कर दी है पर ग्रामीणों ने इसका विरोध करते हुए जमकर हंगामा किया। उनका कहना था कि जानबूझकर बच्चों की जान जोखिम में डाली गई है। वहीं बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारी इस बारे में कुछ भी बोलने से बचते नजर आ रहे है। बीएसए सत्येंद्र कुमार ढ़ाका का कहना है कि सिर्फ स्कूल के छत का गाटर गिरा है और सभी बच्चे सुरक्षित हैं और उनको पूरे मामले की जानकारी नहीं है।
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