इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रेमी जोड़े की सुरक्षा के एक मामले में बड़ा फैसला लिया। कोर्ट अवैध संबंध पर हाईकोर्ट की मुहर को लेकर दाखिल याचिका को खारिज करते हुए याची पर 5 हजार रुपए का जुर्माना लगाया है।
प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इटावा की सुनीता देवी और उनके प्रेमी को सुरक्षा देने से साफ इंकार कर दिया है। कोर्ट ने कहा कि दोनों अपने अवैध संबंध पर हाईकोर्ट की मुहर चाह रहे हैं। यह आदेश न्यायमूर्ति डॉ. कौशल जयेंद्र ठाकर औऱ न्यायमूर्ति अजय त्यागी की खंडपीठ ने दिया है। मामले में याची पर 5 हजार का जुर्माना भी लगाया गया है। इसी के सात सुनीता देवी और अन्य की याचिका को खारिज कर दिया गया।
हाईकोर्ट से सुरक्षा की मांग को लेकर थी याचिका
कोर्ट की ओर से कहा गया कि संविधान लिव-इन-रिलेशन की अनुमति देता है। हालांकि यह याचिका अवैध संबंध पर न्यायालय की मुहर के उद्देश्य से दायर की गई। सामाजिक नैतिकता की धारणा के बजाए व्यक्तिगत स्वाययत्ता पर ध्यान तो दिया जा सकता है लेकिन दोनों के साथ रहने की अवधि अभी काफी कम है लिहाजा ऐसा नहीं किया जा सकता। आपको बता दें कि मामले में याचियों ने हाईकोर्ट में अपील कर अपनी सुरक्षा की मांग की थी। उनकी ओर से तर्क दिया गया था कि प्रतिवादी उन्हें परेशान कर रहे हैं।
पहले से शादीशुदा है याची
इस प्रकरण में कोर्ट की सुनवाई के दौरान सामने आया कि सुनीता की शादी प्रतिवादी रणवीर सिंह से हुई थी। उन दोनों के बच्चे भी हैं। हालांकि शिकायत में कहा गया कि याची का पति उसे दोस्तों के साथ अवैध संबंध बनाने के लिए कहता था। इसी के चलते वह अपने पति को छोड़ रही है। जबकि मामला कुछ और ही था। कोर्ट ने कहा कि लिव-इन-रिलेशन एक ऐसा रिश्ता है जिसे भारत ही नहीं कई अन्य जगहों पर सामाजिक रूप से स्वीकार नहीं किया जाता। फिर यह मामला तो अपने अवैध संबंध पर हाईकोर्ट की मुहर को लेकर दायर किया गया है। लिहाजा मामले में याचिका को खारिज करते हुए याची पर पांच हजार का जुर्माना लगाया गया।
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