यूपी के अयोध्या में प्रभु श्री राम के अलावा एक और अनोखा मंदिर बनवाकर तैयार किया गया है। इस मंदिर में स्थापित मूर्ति में आपको सीएम योगी की छवि नजर आएगी। बाकि मंदिरों की तरह इस मंदिर में भी पूजा-अर्चना और आरती की जाएगी।
अयोध्या: ऐसे तो हमारे देश में कई मंदिरों का निर्माण समय-समय पर होता रहा है। कुछ लोग अपनी मन्नत और संकल्प के पूरा होने के बाद मंदिरों का निर्माण करवाते हैं। लेकिन समय-समय पर पूजा करने और मंदिरों के स्वरूपों में काफी परिवर्तन आता चला गया। मंदिर बनवाते समय लोग अपनी आस्था के आधार पर उनका निर्माण करवाते हैं। कई गुरुओं और भगवानों के मंदिर आपने भी देखे होंगे। लेकिन प्रभु श्री राम की जन्मभूमि में एक ऐसे मंदिर का निर्माण किया गया है जो बना तो भगवान राम की नगरी में है। लेकिन उसमें पूजा यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ की होती है। इस मंदिर के प्रचार-प्रसार के लिए कई ऑडियो-वीडियो के कैसेट और गाने भी तैयार किए जा रहे हैं।
भरतकुंड के पास बना सीएम योगी का मंदिर
इस मंदिर को अयोध्या-गोरखपुर हाइवे के किनारे भरतकुंड के पास बनवाया गया है। यह भरतकुंड वही जगह हैं जहां श्री राम के वनवास के दौरान उनके भाई भरत ने सिंहासन पर अपने आराध्य यानि की श्री राम की खड़ाऊ को रख कर 14 वर्षों तक अपने राज्य को संभाला था। अब इसी जगह पर योगी प्रचारक बने प्रभाकर मौर्य ने उनका मंदिर बनाया है। प्रभाकर का कहना है कि यह संकल्प उनके पूर्ति का साक्षी है। दरअसल, प्रभाकर ने यह संकल्प लिया था कि जो भी प्रभु श्री राम की नगरी में उनका दिव्य और भव्य मंदिर बनवाएगा। वह उसका मंदिर बनवाएंगे। अब अयोध्या नगरी में श्री राम के दिव्य और भव्य मंदिर का निमार्ण हो रहा है। तो अपने संकल्प को पूरा करने के लिए प्रभाकर ने योगी आदित्यनाथ के मंदिर का निर्माण करवाया है।
संकल्प को पूरा करने के लिए बनवाया गया मंदिर
प्रभाकर का मानना है कि प्रभु श्री राम के मंदिर बनवाने में योगी आदित्यनाथ ने काफी अहम भूमिका निभाई है। इसलिए इस मंदिर में विश्वास और आस्था के तौर पर योगी आदित्यनाथ की मूर्ति भी बनवाई गई है। प्रभाकर ने जानकारी देते हुए बताया कि सीएम योगी की लंबाई को ध्यान में रखते हुए इस मंदिर में स्थापित मूर्ति की भी लंबाई 5 फीट 4 इंच रखी गई है। जैसे कपड़े सीएम पहनते हैं, मूर्ति को भी ठीक वैसे ही कपड़े पहनाए गए हैं। इस मूर्ति को देखते ही किसी के भी मन में योगी आदित्यनाथ की छवि उभर आएगी। मंदिर में स्थापित इस मूर्ति का निर्माण प्रभाकर के एक बराबंकी निवासी दोस्त ने किया है। बता दें कि इस मूर्ति को बनाने में लगभग 2 महीने का समय लगा है। इसके अलावा इस मूर्ति के एक हाथ में धनुष भी दिखाई दे रहा है।