अयोध्या जनपद में 98 साल की उम्र में बुजुर्ग को जेल से रिहा किया गया। बुजुर्ग की जेल से रिहाई के दौरान भावुक पल सामने आया। जेल अधीक्षक ने बुजुर्ग को अपनी गाड़ी से उसके घर तक भिजवाया।
अयोध्या: रामगरी में 98 साल की उम्र में एक बुजुर्ग की रिहाई का वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है। बुजुर्ग जब जेल से रिहा होकर बाहर आए तो उनकी आंखे अपनों को तलाश रही थी। हालांकि उम्र के इस पड़ाव में उन्हें लेने के लिए कोई भी नहीं आया था। उन्होंने अपनी तमाम जिंदगी जेल में ही काट दी थी। जब वह बाहर आए तो दुनिया बदल चुकी थी और कोई भी उनके इंतजार में नहीं था। बुजुर्ग यह सब देखकर काफी मायूस हुए। हालांकि इसके बाद जेल कर्मियों ने जो भी किया उसकी जमकर तारीफ हो रही है।
बुजुर्ग को जेल अधीक्षक की गाड़ी से भेजा गया घर
बुजुर्ग की रिहाई पर जब कोई भी उनको लेने नहीं आया तो जेल अधीक्षक शशिकांत मिश्रा ने उन्हें अपनी गाड़ी से घर तक भिजवाया। रिहा किए गए बुजुर्ग का नाम रामसूरत है और उन्हें पांच साल तक जेल में रखा गया। सजा काटने के बाद भी रामसूरत की रिहाई तब संभव हो पाई जब सामाजिक कार्यकर्ता शैलेंद्र मोहन मिश्रा ने उन पर लगाए गए साढ़े 11 हजार रुपए जुर्माने की रकम को अदा किया। रिहाई के दौरान जेलर शशिकांत मिश्रा ने आमद के समय जमा कराए गए साढ़े नौ हजार रुपए भी बुजुर्ग को सुपुर्द कर दिए। बताया गया कि बुजुर्ग की रिहाई 8 अगस्त 2022 को ही होनी थी। लेकिन 20 मई 2022 को कोविड पॉजिटिव पाए जाने के बाद उन्हें 90 दिनों की पेरोल पर घर भेज दिया गया था। इसी के चलते उनकी रिहाई अब हुई। रिहाई के दौरान जेलर ने खुद अपनी गाड़ी से उन्हें घर भिजवाया। इस पूरी घटना का वीडियो डीजी के द्वारा शेयर किया गया है।
सोशल मीडिया पर लोग कर रहे तारीफ
मामले को लेकर बताया गया कि रामसूरत की रिहाई के बाद सबसे बड़ा सवाल खड़ा हुआ कि उन्हें लेने कोई नहीं आया है ऐसे में उन्हें सर्द रात में अकेले कहां भेजा जाए। जैसे ही इस मामले की जानकारी जेल अधीक्षक को हुई तो उन्होंने कर्मचारियों के जरिए बुजुर्ग को बुलाया और उन्हें सम्मानजनक विदाई दिलवाई। सामने आए वीडियो में जेल अधीक्षक कहते हुए सुनाई पड़ते हैं कि पुलिसकर्मी उन्हें(बुजुर्ग) उनके निवास स्थान तक छोड़ देंगे। खुद जेल अधीक्षक शशिकांत मिश्रा बुजुर्ग को अपनी गाड़ी तक ले जाते हैं। लोग इस वीडियो को देख शशिकांत मिश्रा की जमकर तारीफ कर रहे हैं।