अयोध्या में राम जन्मोत्सव को लेकर खास तैयारियां जारी है। इसी बीच प्रयास हो रहा है कि जन्मोत्सव के दिन सूर्य भगवान की किरणें राम मंदिर के गर्भगृह तक पहुंचे और मुखारविंद को प्रकाशित करें। इसको लेकर शोध शुरू हो गया है।
अनुराग शुक्ला
अयोध्या: भगवान राम का जन्मोत्सव यानी रामनवमी के दिन सूर्य भगवान की किरणें राम मंदिर के गर्भगृह तक पहुंचे और मुखारविंद (चेहरा) को प्रकाशित करें। इस योजना को लेकर भारत के अंतरिक्ष वैज्ञानिकों ने शोध शुरू कर दिया है। इस बात की जानकारी श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने दी। श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के मंदिर निर्माण समिति की दो दिवसीय बैठक समाप्त होने के बाद उन्होंने बताया कि इस बार बैठक का मुख्य एजेंडा राम जन्मभूमि परिसर के 70 एकड़ भूमि पर लैंडस्कैपिंग, मंदिर के परकोटा, राम मंदिर के अनुरूप राम नगरी का विकास सहित मंदिर निर्माण के प्रगति रिपोर्ट पर चर्चा की गई। उन्होंने एक बार फिर दोहराया ट्रस्ट पूरी तरह कोशिश में है कि दिसंबर 2023 तक रामलला की प्राण प्रतिष्ठा नवनिर्मित भव्य राम मंदिर में हो जाए।
राम मंदिर के 500 सालों का इतिहास पर बनेगी डॉक्यूमेंट्री, फिल्म प्रसार भारती ने शुरू किया काम
चंपत राय ने बताया भारत सरकार की संस्था दूरदर्शन प्रसार भारती राम मंदिर के 500 सालों के इतिहास और संघर्षों का डाटा कलेक्ट कर डॉक्यूमेंट्री फिल्म बनाएगी। उन्होंने बताया इस काम को करने के लिए प्रसार भारती ने एजेंसी का चयन भी कर लिया है। डॉक्यूमेंट्री फिल्म पर खर्च होने वाले रुपए , फ़िल्म के इंस्पान्सर, 500 सालों का डाटा और फोटो कलेक्ट करने सहित सारे टेक्निकल कामों के लिए संस्था का चयन करने की जिम्मेदारी प्रसार भारती ने ली है।
पीएम और सीएम ने देखा अयोध्या का विजन डॉक्यूमेंट
विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष विशाल सिंह के नेतृत्व में मेमर्स ली एसोसिएट साउथ एशिया प्राइवेट लिमिटेड नामक ग्लोबल संस्था का चयन कर अयोध्या के भावी विकास का दृष्टि पत्र यानी विजन डॉक्यूमेंट तैयार कराया गया है ।जिसे पीएम नरेंद्र मोदी और सीएम योगी आदित्यनाथ को दिखाया भी गया है। ट्रस्ट चाहता है कि राम जन्मभूमि परिसर में 30 % निर्माण को बाकी के 70 % में रामायण काल के वृक्षों को लगाया जाए। जिससे पर्यटकों को परिसर में हरियाली भी दिखे।
अगस्त में तेज होगा सुपर स्ट्रक्चर का निर्माण, कारीगरों की बढ़ाई गई संख्या
श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने राममंदिर में श्रीरामलला को भव्य गर्भगृह में विराजित करने का समय दिसंबर 2023 निर्धारित कर रखा है। इसके लिए मंदिर के निर्माण का कार्य तेज गति से किया भी जा रहा है। राममंदिर की फर्श लगभग तैयार हो चुकी है। जिसे जुलाई के अंतिम सप्ताह में फाइनल टच देना है। इसके बाद राममन्दिर का सुपर स्ट्रक्चर यानी गृभगृह का निर्माण कार्य तेज होना है। गृभगृह में लगने वाले सवा दो सौ बीम की नक्काशी के लिए अभी तक डेढ़ दर्जन कारीगर थे इनकी संख्या को बढ़ाकर सवा सौ किया जा रहा है।