
रामपुर (Uttar Pradesh). यूपी के रामपुर में स्थित जौहर यूनिवर्सिटी के लिए जमीन कब्जाने के मामले में फंसे सपा सांसद आजम खान ने एसआइटी को बयान देने के लिए 15 दिन का समय मांगा है। अपने वकील के द्वारा उन्होंने जांच दल को एक लेटर भेजा है। हालांकि, एसआइटी ने इसे लेने से इनकार कर दिया। पुलिस का कहना है कि लेटर में जो बात लिखी है, वह सत्यापित नहीं है। न ही साथ में कोई मेडिकल सर्टिफिकेट लगा है। इस कारण लेटर नहीं लिया गया।
क्या है पूरा मामला
बता दें, आजम के खिलाफ जौहर यूनिवर्सिटी के लिए जमीन कब्जाने के आरोप में 30 केस दर्ज हैं। पुलिस अधीक्षक डॉ.अजय पाल शर्मा ने इन मामलों की जांच के लिए स्पेशल इंवेस्टिगेशन टीम बनाई है। टीम प्रभारी दिनेश गौड़ ने आजम को 23 सितंबर को नोटिस जारी कर 25 सितंबर तक बयान दर्ज कराने के लिए कहा था। लेकिन वह उपस्थित नहीं हुए। इसके बाद 26 सितंबर को दोबारा से नोटिस जारी किया गया। जोकि आजम के घर के बाहर चस्पा किया गया। इसमें सांसद को 30 सितंबर तक थाने में बयान दर्ज कराने को कहा है। इससे पहले आजम के वकील नासिर सुल्तान की ओर से एसआइटी को पत्र दिया गया, जिसमें कहा है कि वो आजम के अधिकृत अधिवक्ता हैं। सांसद की तबियत खराब है, वह रामपुर से बाहर इलाज करा रहे हैं। इसलिए बयान दर्ज कराने के लिए 15 दिन का समय दे दिया जाए।
कोर्ट ने खारिज की FIR रद्द करने की मांग
बता दें, आजम के खिलाफ किसानों की जमीन हड़पने से लेकर किताबें चोरी, भैंस चोरी और बकरी चोरी के अलावा कई और मामले दर्ज हैं। पिछले दिनों ही इलाहाबाद हाई कोर्ट ने उनके खिलाफ 29 एफआईआर पर गिरफ्तारी से रोक लगाकर बड़ी राहत दी थी। उनके वकील ने एफआईआर रद्द की मांग की थी जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया।
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