
आजमगढ़: विधानसभा चुनाव (UP Vidhansabha Chunav 2022) के बीच तेजी से शराब की खपत बढ़ी है। और इसी का फायदा उठाकर लोगों द्वारा मिलावटी शराब की भी बिक्री तेजी से की जा रही है। आजमगढ़ जिले में सरकारी देसी शराब के ठेके से बेची जा रही शराब कई लोगों के मौत का कारण बनी और लगभग 50 लोग अस्पतालों में जिंदगी मौत से जूझ रहे हैं। इसी मामले में अब आजमगढ़ से बड़ी खबर आ रही है। यहां जहरीली शराब पीने से 9 लोगों की मौत हो गई। जबकि 12 लोगों की हालत गंभीर है। इनमें से कुछ की आंख की रोशनी चली गई है। यह पूरी घटना माहुल कस्बे में रविवार रात की है। मिली जानकारी के अनुसार, जिस ठेके से ग्रामीणों ने शराब खरीदी है। वह ठेका बाहुबली पूर्व सांसद और मौजूदा सपा प्रत्याशी रमाकांत यादव के भतीजे रंजेश का है। ठेका माहुल पुलिस चौकी के बगल में है।
यूपी में चुनाव के बीच जहरीली शराब से हुई इन मौतों को लेकर हाहाकार मच गया है। DM, SP समेत सीनियर अफसरों की टीम माहुल पहुंच गई है। DM अमृत त्रिपाठी ने बताया कि 5 लोगों की मौत रिपोर्टेड है। कुछ की हालत गंभीर है। उनमें से 4 को CHC से जिला हॉस्पिटल में रेफर किया गया है। उनका इलाज चल रहा है। यह भी पता लगाया जा रहा है कि किन-किन लोगों ने इस ठेके लेकर शराब पी है। ठेके का सेल्समैन पकड़ा जा चुका है। उससे पूछताछ की जा रही है। दोषियों पर NSA की कार्रवाई की जाएगी।
पुलिस चला रही सर्च ऑपरेशन
उधर, पुलिस ने ग्रामीणों और आसपास के लोगों से पूछताछ की है। इसके साथ ही पुलिस और प्रशासन इलाके में सर्च अभियान चला रहा है ताकि ये पता लगाया जा सके कि रविवार को इस ठेके से और किन-किन लोगों ने शराब पी थी। जिससे समय रहते उनका इलाज कराया जा सके। ग्रामीणों के मुताबिक, जिन 9 लोगों की मौत हुई है, उनमें से 5 का अंतिम संस्कार कर दिया गया है।
जबकि 4 शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा गया है। मृतक एक ही पंचायत क्षेत्र के अलग-अलग वॉर्ड के थे। जिन 12 लोगों की तबीयत गंभीर है। वह भी अलग-अलग इलाकों के रहने वाले हैं। SP अनुराग आर्य ने बताया कि दो लोगों को हिरासत में लिया है, उनसे पूछताछ की जा रही है।
गांव वालों ने रोड जाम कर जताया विरोध
वहीं घटना के बाद नाराज ग्रामीणों ने सड़क जाम कर दी। ग्रामीणों का कहना है कि पुलिस की मिलीभगत के चलते ठेके से शराब की बिक्री होती थी। किसी भी तरह की कोई रोक-टोक नहीं थी। ज्यादा मुनाफे के चक्कर में लोगों को जहरीली शराब सरकारी ठेके से बेची गई। वहीं सूचना पर पहुंचे आलाधिकारी लोगों को शांत कराने में जुटे रहे।
पहले भी जहरीली शराब से हुई थी 30 लोगों की मौत
बीते मई माह में जहरीली शराब से मित्तुपुर गांव में 30 से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी। घटना के बाद जिला प्रशासन ने अवैध शराब के कारोबार के खिलाफ अभियान चलाया था।
जहरीली शराब पीने से आधा दर्जन से अधिक लोगों की मौत, कईयों की हालत गंभीर
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