यूपी के जिले बागपत में सनसनीखेज वारदात को अंजाम दिया गया है। जहां एक युवक को मारने से पहले हमलावरों ने एक बच्चे को भेजकर उसको बुलाया और धारदार हथियार से गला रेतकर हत्या कर दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।
बागपत: उत्तर प्रदेश में बीते दिनों हत्या के कई मामले सामने देखने को मिले है। राज्य में हत्यारों के हौसले बुलंद होते जा रहे है। एक तरफ योगी आदित्यनाथ सरकार अपराधियों पर शिकंजा कसने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है तो वहीं दूसरी ओर हमलावरों के हौसले पस्त नहीं हो रहे। आए दिन हत्या की वारदातें सामने आ रही है। इसी कड़ी में राज्य के बागपत जिले के कस्पा छपरौली में डीडीए के सेवानिवृत्त कर्मी के बेटे प्रशांत खोखर उर्फ छोटू (23) की धारदार हथियार से गला रेतकर हत्या कर दी गई। मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया लेकिन इससे नाराज परिजनों और ग्रामीणों ने थाना घेर लिया। लोगों का कहना है कि बिना सूचना दिए ही पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। इतना ही नहीं महिलाएं भी थाने के गेट पर धरना देकर बैठ गई। मामला बढ़ता देख एसपी पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे।
मृतक युवक पर किए गए कई प्रहार
एसपी पुलिस बल के साथ पहुंचे और डॉग स्क्वॉड टीम को भी बुला लिया गया। ऐसा बताया जा रहा है कि पुराने विवाद की वजह से हत्या की गई है। जानकारी के अनुसार प्रशांत छपरौली निवासी देशपाल का पुत्र था। वह गुरुवार देर शाम करीब साढ़े सात बजे घर के बाहर खड़ा था। इसी दौरान किसी ने उसे एक बच्चे को भेजकर बुलाया। उसके बाद प्रशांत पुलिस को छपलौली-तुगाना मार्ग पर लहूलुहान हालत में पड़ा मिला। पुलिस उसे लेकर अस्पताल पहुंची, जहां पर चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। पुलिस के अनुसार प्रशांत के गले पर एक के बाद एक कई प्रहार किए गए थे। इतना ही नहीं कंधे के पास भी चाकू से प्रहार किया गया था। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया तो थाने पहुंचे परिजनों और ग्रामीणों की पुलिस कर्मियों के साथ नोकझोंक भी हुई।
लोगों ने पुलिस के रवैयों को ठहराया गलत
एसपी नीरज जौदान, एएसपी मनीष मिश्र, सीओ युवराज सिंह ने परिजनों व ग्रामीणों को समझाया। सीओ युवराज सिंह का कहना है कि तहरीर आने के बाद ही घटना की सही जानकारी मिल सकेगी। प्रशांत की हत्या को लेकर भड़के परिजनों और ग्रामीणों ने थाने पर करीब ढाई घंटे तक हंगामा किया। इस दौरान ग्रामीणों और पुलिस में नोकझोंक भी हुई। इसके बाद मौके पर पहुंचे पुलिस अधिकारियों ने स्थिति को संभाला और हंगामा कर रहे लोगों को शांत किया। सेवानिवृत्त डीडीए कर्मी के बेटे प्रशांत की हत्या के बाद पुलिस मौके पर पहुंची तो पुलिस उसे वहां से तुरंत लेकर बागपत अस्पताल पहुंच गई। इस बात पर ही परिजन व अन्य लोग भड़क गए कि पुलिस ने बिना बताए शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। परिजनों ने पुलिस पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि पुलिस ने उनको शव देखने भी नहीं दिया। पुलिस द्वारा शव भेजने के कारण ही ढाई घंटे तक हंगामा चलता रहा और लोगों ने थाने को घेरकर रखा। लोगों ने आरोप लगाया कि पुलिस का रवैया सही नहीं है, जिसकी अधिकारियों से भी शिकायत की गई।
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