21 साल पुराने उसरी चट्टी केस में बाहुबली मुख्तार अंसारी और बृजेश सिंह कोर्ट में आमने-सामने होंगे। कोर्ट ने दोनों को अदालत में मौजूद रहने का आदेश दिया है। वहीं इस बीच सुरक्षा व्यवस्था पूरी तरह से चाक चौबंद की गई है।
गाजीपुर: 21 साल पुराने ऊसरी कांड के मामले में मुख्तार अंसारी को एमपी-एमएलए कोर्ट के द्वारा तलब किया गया है। हालांकि सुरक्षा की दृष्टि से उसके कोर्ट आने की संभावनाएं कम ही हैं। एमपी-एमएलए कोर्ट के द्वारा मुख्तार अंसारी और माफिया डॉन बृजेश सिंह को फिजिकली तलब किया गया है। लिहाजा आज मंगलवार का यह दिन पुलिस प्रशासन के लिए कड़ी चुनौती साबित होने वाला है।
जेल अधिकारी मामले में मुख्तार को सुप्रीम कोर्ट से मिली राहत
गौरतलब है कि मुख्तार अंसारी को हाईकोर्ट से जेल अधिकारी को धमकाने के मामले में मिली सजा पर सुप्रीम कोर्ट से राहत मिल गई है। जिसके बाद परिवार अब गैंगस्टर के मामले में भी 10 साल की सजा के खिलाफ ऊपरी अदालत में दरवाजा खटखटाने की तैयारी कर रहा है। मुख्तार के बड़े भाई सांसद अफजाल अंसारी ने मीडिया को बताया कि साल 2002 में टाडा केस में भी मुख्तार को 10 साल की सजा हुई थी। जब सुप्रीम कोर्ट गए तो वहां फैसला पलट दिया गया। अफजाल अंसारी ने कहा कि देश में कानून का राज है। हमें ऊपरी अदालत में जाने का संवैधानिक अधिकार मिला हुआ है। गैंगस्टर के मामले में भी सर्वोच्च अदालत में जाने का रास्ता है। हाईकोर्ट ने भी इसे सुनने लायक केस मान लिया था लेकिन उससे पहले ही जनपद की कोर्ट ने इस मामले में सजा सुना दी। जिसके चलते वहां सुनवाई ही नहीं हो सकी। अब आगे अपील की तैयारी की जा रही है।
मुख्तार अंसारी के काफिले पर हुआ था हमला
आपको बता दें कि 21 साल पहले के उसरी चट्टी कांड मामले में बृजेश सिंह के खिलाफ मुख्तार अंसारी की गवाही होनी है। इस दौरान आरोपी बृजेश सिंह भी कोर्ट रूम में ही होंगे। दरअसल गाजीपुर में 15 जुलाई 2001 में मुख्तार अंसारी पर जानलेवा हमला हुआ था। उस समय मुख्तार अंसारी अपने पैतृक घर मोहम्मदाबाद से मऊ जा रहे थे। उनके काफिले पर ताबड़तोड़ फायरिंग हुई थी। फायरिंग में उनके गनर और एक अन्य साथी की मौत हुई थी। इसी मामले में मुख्तार अंसारी ने अपनी जानी दुश्मन बृजेश सिंह को मुख्य आरोपी बनाया था।
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