CAA के बाद दो बांग्लादेशी भाइयों ने ​नागरिकता के लिए भरा फॉर्म, 1971 में भारत आए थे पिता

नागरिकता संशोधित कानून बनने के बाद यूपी के लखीमपुर में लंबे समय से रह रहे दो बांग्लादेशी शरणार्थियों ने भारत की नागरिकता के लिए डीएम कार्यालय के माध्यम से आवेदन किया है। रिश्ते में दोनों बांग्लादेशी शरणार्थी भाई हैं।

Asianet News Hindi | Published : Dec 29, 2019 1:50 PM IST / Updated: Dec 29 2019, 07:23 PM IST

लखीमपुर खीरी (Uttar Pradesh). नागरिकता संशोधित कानून बनने के बाद यूपी के लखीमपुर में लंबे समय से रह रहे दो बांग्लादेशी शरणार्थियों ने भारत की नागरिकता के लिए डीएम कार्यालय के माध्यम से आवेदन किया है। रिश्ते में दोनों बांग्लादेशी शरणार्थी भाई हैं। इनका कहना है, इनके पिता 1971 में भारत आए और इन दोनों भाइयों का जन्म लखीमपुर के निघासन इलाके में हुआ। 

क्या है पूरा मामला 
मामला निघासन तहसील का है। यहां के कामतानगर गांव के रहने वाले सगे भाई खीरू और मोतीचंद ने भारतीय नागरिकता के लिए डीएम शैलेंद्र सिंह के माध्यम से शासन को पत्र भेजा है। दोनों ने कहा, हमारे पिता धनपत मल्लाह 12 जुलाई सन 1971 में बांग्लादेश से भारत आए और कामता नगर गांव में रहने लगे। हम भाईयों का जन्म भी यहीं हुआ। कुछ समय पहले पिता की मृत्यु हो गई। मोदी सरकार नया नागरिकता संशोधन कानून लाई है। जिसके बाद हमने 18 दिसंबर 2019 को सरकार को भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन भेजा। 

डीएम ने कही ये बात
डीएम शैलेंद्र सिंह ने बताया, शरणार्थी की हैसियत से रह रहे दो भाइयों ने भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन किया है। मामले में शासन को रिपोर्ट भेज दी गई है। कानूनी प्रक्रिया में अगर यह लोग सही पाए जाते हैं तो इन्हें भारत की नागरिकता जल्द मिल जाएगी। फिलहाल दोनों अपने परिवार के साथ निघासन में रह रहे हैं। 

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