लाउडस्पीकर पर विवाद के बीच बाराबंकी जेल के कैदियों ने पेश की हिंदू-मुस्लिम एकता की मिसाल, साथ-साथ रख रहे रोजा

बाराबंकी जिला जेल में मुस्लिम बंदियों के साथ एक दर्जन से अधिक हिंदू बंदी भी रोजा रख रहे हैं। जेल प्रशासन की ओर से रोजेदारों को बाकयदा इफ्तार भी कराया जा रहा है। मुस्लिम बंदियों के साथ हिंदू बंदी भी रोजा रख कौमी एकता की मिसाल पेश कर रहे हैं। 

Asianet News Hindi | Published : Apr 19, 2022 10:12 AM IST

बाराबंकी: हिंदू और मुस्लिम धर्मस्थलों पर लाउडस्पीकर को लेकर छिड़ी बहस के बीच बाराबंकी से एकता की अनोखी मिसाल सामने आई। यहां से सामने आई तस्वीरों में हिंदू मुस्लिम एकता देखने को मिली। बाराबंकी जिला कारागार में मुस्लिम बंदियों के साथ तकरीबन एक दर्जन से ज्यादा हिंदू बंदी भी रमजान माह में रोजा रख रहे है। जेल प्रशासन की ओर से इन बंदियों को बकायाद इफ्तार भी करवाया जा रहा है। मुस्लिम बंदियों के साथ ये हिंदू बंदी भी रोजा रख कौमी एकता की मिशाल पेश कर रहे हैं। 

इफ्तार के समय मिल रहीं जरूरी चीजें

गौरतलब है कि जिला कारागार बाराबंकी में निरुद्ध कई हिंदू बंदियों ने भी मुस्लिम बंदियों के साथ रोजा रखा। इसी के साथ मिसाल कायम की। बाराबंकी जिला कारागार में इस समय तकरीबन 1400 कैदी है। इस समय 250 बंदी रोजा रख रहे हैं। इसमें से 15 बंदी हिंदू हैं जो रोजा रख रहे हैं। जेल प्रशासन की ओर से इन बंदियों को इफ्तार के समय खजूर, दूध, चाय समेत तमाम जरूरी चीजें उपलब्ध करवाई जा रही है। इसी के साथ जो बंदी लजीज व्यंजन खाना चाहते हैं उन्हें वह भी उपलब्ध करवाया जा रहा है। हिंदू बंदी भी मुस्लिम कैदियों के साथ दिन भर रोजा रख रहे हैं। वह भी सुबह तड़के उठकर सहरी करते हैं। 

15 हिंदू बंदी रख रहे रोजा

बाराबंकी जिला कारागार के जेलर आलोक शुक्ला बताते हैं कि मुस्लिम हिंदू भाईचारे के बीच ऐसी पहल देख उन्हें भी खुशी मिल रही है। तकरीबन 250 बंदी इस साल रोजा रख रहे हैं। इसमें 15 हिंदू बंदी भी शामिल है। उनके लिए भी तमाम व्यवस्थाएं की गई है। रोजेदारों के लिए जो-जो चीजें जरूरी है वह सभी मुहैया करवाई जा रही है। 

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