यूपी विधानसभा चुनाव से पहले व्यापारियों को साधने में जुटी बीजेपी, व्यापार प्रकोष्ठ को दी गयी जिम्मेदारी

यूपी विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी यूपी के व्यापारियों को साधने में जुटी हुई है।  इसकी जिम्मेदारी बीजेपी व्यापार प्रकोष्ठ को दी गयी है।  संगठन पूरे प्रदेश में सम्मेलनों के जरिए व्यापारियों को यह समझाने में जुटा है कि भाजपा सरकार में ही आप सबसे ज्यादा सुरक्षित हैं। पार्टी के इन व्यापारी सम्मेलनों का सिलसिला 16 नवंबर से पश्चिमी उत्तर प्रदेश के सहारनपुर से शुरू हुए थे। जो पांच को लखनऊ में खत्म होगा।
 

Pankaj Kumar | Published : Nov 30, 2021 12:42 PM IST

लखनऊ: आगामी विधानसभा चुनाव( UP Vidhansabha Chunav 2022) की तैयारियों में जुटी बीजेपी(BJP) सबका साथ सबका विकास के एजेंडे पर पूरी तरह से काम करती हुई नजर आ रही है। इसी के चलते इस बार बीजेपी का खास तौर पर फोकस प्रदेश के व्यापारी वर्ग पर बना हुआ है, जो मूल रूप से पार्टी का परंपरागत वोट बैंक(Vote Bank) माना जाता है। इसे साधने का जिम्मा प्रदेश के भाजपा व्यापार प्रकोष्ठ को दिया गया है। संगठन पूरे प्रदेश में सम्मेलनों के जरिए व्यापारियों को यह समझाने में जुटा है कि भाजपा सरकार में ही आप सबसे ज्यादा सुरक्षित हैं। लखनऊ में पांच दिसंबर को होने वाले व्यापारी सम्मेलन में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) के भाग लेने की संभावना है।

व्यापारियों की बीच जाकर योगी सरकार की छवि सुधार रहा BJP व्यापार प्रकोष्ठ
भाजपा ने इन दिनों अपने सभी संगठनों को चुनावी मोर्चे पर लगा रखा है। पार्टी व्यापारियों सहित हर वर्ग को अपनी और पिछली सरकारों का फर्क समझा रही है। इसके लिए पार्टी ने अभियान भी चला रखा है। पार्टी व्यापारियों के बीच योगीराज में कानून व्यवस्था की स्थिति में हुए सुधार को जोर-शोर से प्रचारित कर रही है। व्यापार प्रकोष्ठ द्वारा उन्हें समझाया जा रहा है कि अब न कोई रंगदारी मांग रहा है और न ही कोई उनकी जमीन घेरने की हिम्मत कर सकता है। पूर्व में भाजपा के नोटबंदी और जीएसटी जैसे कदमों को लेकर विपक्षी दलों ने खूब घेराबंदी की थी। बावजूद इसके 2017 और 2019 के विधानसभा और लोकसभा चुनावों में भाजपा को प्रदेश में बड़ी सफलता मिली थी।

16 को सहारनपुर से शुरू हुआ सिलसिला
पार्टी के इन व्यापारी सम्मेलनों का सिलसिला 16 नवंबर से पश्चिमी उत्तर प्रदेश के सहारनपुर से शुरू हुए थे। रविवार को चित्रकूट के बाद सोमवार को कानपुर और वाराणसी में यह सम्मेलन हुए। जबकि एक दिसंबर को मुरादाबाद व बरेली, दो को हरदोई और तीन दिसंबर को प्रयागराज और सुल्तानपुर में सम्मेलन होने हैं। यह सिलसिला पांच को लखनऊ में खत्म होगा। प्रदेश संयोजक विनीत शारदा ने बताया कि व्यापारी वर्ग सपा शासन के गुंडाराज को अभी भूला नहीं है। भाजपा सरकार में वह खुद को पूरी तरह सुरक्षित महसूस कर रहा है। सम्मेलनों के जरिए देखने को मिल रहा है कि मोदी और योगी सरकार के प्रति व्यापारी वर्ग में बेहद उत्साह है।
 

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