लॉकडाउन में जिंदगी से हार गया यह शख्स, सुसाइड नोट में लिखी ये दर्दभरी बातें

बहन का कहना है कि मां और भानू दोनों ही सांस की बीमारी से जूझ रहे थे। आर्थिक तंगी के चलते कई दिनों से भानु काफी परेशान था। इन दिनों घर में न खाने को कुछ था और न अपने और अपनी बूढ़ी मां के इलाज के लिए पैसे थे। शारीरिक कमजोरी के चलते उसे काम मिल नहीं पा रहा था। 

Asianet News Hindi | Published : May 30, 2020 8:06 AM IST / Updated: May 30 2020, 01:37 PM IST

लखीमपुर खीरी (Uttar Pradesh) । लॉकडाउन में सरकार की मदद के बाद भी गरीबों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। मैगलगंज रेलवे स्टेशन पर एक युवक ने ट्रेन से कटकर जान दे दी। जिसकी पहचान उसकी जेह से मिले सुसाइड नोट से की गई है। लेकिन, इस सुसाइड नोट में उसने अपने गरीबी और लाचारी की कहानी लिखी है। अंत में उसने यहां तक जिक्र किया है कि गरीबी का आलम ये कि मेरे परिवार के पास अंतिम संस्कार करने तक के पैसे नहीं है, जिसे जानने के बाद प्रशासन हैरान है। साथ ही मामले की जांच कराने की बात कह रहा है।

सुसाइड नोट में लिखी थीं ये बातें
भानू की जेब से जो सुसाइड नोट बरामद हुआ है, उसमें उसने लिखा है कि राशन की दुकान से उसको गेहूं-चावल तो मिल जाता था, लेकिन ये सब नाकाफी थे। चीनी, चायपत्ती, दाल, सब्जी, मसाले जैसी रोजमर्रा की चीजें अब परचून वाला भी उधार नहीं देता था। मैं और मेरी विधवा मां लम्बे समय से बीमार हैं। गरीबी के चलते तड़प-तड़प के जी रहे हैं। शासन-प्रशासन से भी कोई सहयोग नहीं मिला। गरीबी का आलम ये है कि मेरे मरने के बाद मेरे अंतिम संस्कार भर का भी पैसा मेरे परिवार के पास नहीं है।

यह है पूरा मामला
भानू मैगलगंज के रहने वाले थे। शाहजहांपुर में एक होटल पर काम करते थे। तीन बेटियां और एक बेटा हैं। घर पर बूढ़ी मां और बीमारी का बोझ था। लॉकडाउन के बाद से भानू लम्बे समय से घर पर ही थे। घर की पूरी जिम्मेदारी भानू के कंधे पर थी। जिम्मेदारियों के बोझ तले दबकर भानू ने जिंदगी से हार मान ली और रेलवे ट्रैक पर लेट मौत को गले लिया। 

बहन ने सुनाई ये कहानी
बहन रेनू का कहना है कि मां और भानू दोनों ही सांस की बीमारी से जूझ रहे थे। आर्थिक तंगी के चलते कई दिनों से भानु काफी परेशान था। इन दिनों घर में न खाने को कुछ था और न अपने और अपनी बूढ़ी मां के इलाज के लिए पैसे थे। शारीरिक कमजोरी के चलते उसे काम मिल नहीं पा रहा था। घर में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था।

प्रशासन का यह है दावा
डीएम शैलेन्द्र सिंह ने कहा है कि शुरूआती जांच में पता चला है कि उनको अंत्योदय कार्ड के द्वारा राशन मिल रहा था। इस महीने भी राशन दिया गया है। उनकी मौत के सभी कारणों की जांच कर उचित कार्रवाई की जाएगी।

Share this article
click me!