धरने पर बैठीं BHU की छात्राएं, बोलीं-अश्लील कमेंट करने वाले प्राफेसर को बर्खास्त करो

धरने पर बैठीं छात्राओं ने बताया, अक्टूबर 2018 में जूलॉजी डिपार्टमेंट की छात्राओं को पुणे टूर पर ले जाया गया था। इस टूर का उद्देश्य नंद कानन जूलॉजिकल पार्क में जंतुओं के बारे में बताना था, लेकिन प्रो. चौबे छात्राओं को कोणार्क सूर्य मंदिर ले गए और वहां की प्रतिमाएं दिखाकर छात्राओं की शारीरिक बनावट को लेकर अश्लील कमेंट करने लगे।

वाराणसी (उत्तर प्रदेश). बनारस हिंदू विश्विद्यालय में शनिवार शाम छात्र-छात्राएं धरने पर बैठ गए। उनकी मांग है कि प्रोफेसर एसके चौबे को बर्खास्त किया जाए। बता दें, बाइलोजी की छात्राओं पर अश्लील कमेंट करने के आरोप में प्रोफेसर पहले से ही निलंबित चल रहे हैं। विश्वविद्यालय प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी करते हुए छात्राओं ने प्रोफेसर को बचाने का आरोप लगाया। उनका कहना है कि प्रोफेसर दोबारा से विवि में लौट आया है। विवि प्रशासन उसे बचाने की कोशिश कर रहा है।  

क्या है पूरा मामला
धरने पर बैठीं छात्राओं ने बताया, अक्टूबर 2018 में जूलॉजी डिपार्टमेंट की छात्राओं को पुणे टूर पर ले जाया गया था। इस टूर का उद्देश्य नंद कानन जूलॉजिकल पार्क में जंतुओं के बारे में बताना था, लेकिन प्रो. चौबे छात्राओं को कोणार्क सूर्य मंदिर ले गए और वहां की प्रतिमाएं दिखाकर छात्राओं की शारीरिक बनावट को लेकर अश्लील कमेंट करने लगे। टूर से वापस आने के बाद छात्राओं ने इसकी लिखित शिकायत विवि प्रशासन से की, जिसके बाद प्रोफेसर को निलंबित कर दिया गया। जांच समिति गठित कर 25 अक्तूबर 2018 से 30 नवंबर 2018 तक मामले की जांच कराई गई। 

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छात्राओं का क्या है आरोप
छात्राओं ने बताया, कमेटी ने छात्राओं और विभागीय शिक्षकों के बयान दर्ज कर रिपोर्ट कुलपति को सौंपी थी। रिपोर्ट में जांच समिति ने प्रोफेसर के खिलाफ लगे आरोपों को सही बताया था। जून 2019 को हुई कार्यपरिषद की बैठक में प्रोफेसर को चेतावनी दी गई कि भविष्य में वह इस तरह के किसी भी टूर में नहीं जाएंगे। साथ ही भविष्य में उन्हें किसी तरह का कोई पद नहीं दिया जाएगा। मामले में दोषी पाए जाने के बाद भी विश्वविद्यालय प्रशासन उन्हें बचाने की कोशिश कर रहा है। 

कुलपति का क्या है कहना
वहीं, कुलपति प्रो. राकेश भटनागर का कहना है, छात्राओं की शिकायत के बाद प्रोफेसर को तुरंत निलंबित कर जांच कराई गई। रिपोर्ट के आधार पर कार्यकारिणी परिषद ने भी उन पर मेजर पेनाल्टी भी लगाई है, जिसकी सजा माफ नहीं हुई है। प्रोफेसर को सभी प्रकार के अधिकारों से डिबार कर दिया गया है। छात्राओं को कार्रवाई के बारे में समझना चाहिए।

विवि प्रशासन ने दी सफाई
बीएचयू पीआरओ की ओर से जारी सूचना में भी बताया गया है कि प्रोफेसर शैल कुमार चौबे को  रिपोर्ट के आधार पर दोषी पाया गया है। उन्हें भविष्य में विश्वविद्यालय में कोई महत्वपूर्ण प्रशासनिक दायित्व नहीं दिया जाएगा। वो किसी भी अन्य संस्थान में आवेदन भी नहीं कर सकते। अगर वो आवेदन करेंगे भी तो वो स्वीकार नहीं होगा। उन पर लगाई गई पेनाल्टी उनके सर्विस रिकार्ड में भी डाल दी गई है।

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