खत्म हो गया पैसा, आधार कार्ड बंधक पर रखकर खरीदी 2 साइकिल, भाइयों ने 10 दिन में तय की 1130 km की दूरी

दोनों भाई 1130 किलोमीटर की दूरी तय कर घर पहुंचे तो उनकी आंखें खुशी से भर आईं। परिजनों से दूरी बनाते हुए कहा कि अब घर आ गए हैं, सब टेंशन दूर हो गई है। लुधियाना में तो ऐसा महसूस हो रहा था कि जिंदगी वहीं खत्म हो जाएगी।
 

Asianet News Hindi | Published : May 2, 2020 10:04 AM IST / Updated: May 02 2020, 03:38 PM IST

महराजगंज (Uttar Pradesh)। कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए लागू लॉकडाउन में लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। दूसरे राज्यों में फंसे लोग जान जोखिम में डालकर घर किसी तरह आ रहे हैं। हालांकि अब बाहर से आने वाले खुद जागरुकता दिखा रहे हैं और वे खुद ही क्वारंटइन में रह रहे हैं। इस दौरान अजब-गजब कहानियां भी सामने आ रहीं हैं। कुछ ऐसी ही कहानी है धानी बाजार निवासी दो भाइयों की, जो आधार कार्ड रखकर दो साइकिल खरीदी। इसके बाद लुधियाने से चलकर दस दिन में 1130 किलोमीटर का सफर तय कर घर पहुंचे हैं।  

इसलिए उठाया ये कदम
महराजगंज जिले के धानी बाजार के दो भाइयों प्रकाश और राम अचल लुधियाना में काम करते थे। कोरोना वायरस के संक्रमण के कारण लागू लॉकडाउन से काम बंद हो गया। धीरे-धीरे दोनों भाइयों के सामने पैसा न होने पर दिक्कत होने लगी। परेशान दोनों भाइयों को कोई रास्ता नहीं दिखा तो एक साइकिल दुकानदार के पास पहुंचे। 

इस तरह दुकानदार से खरीदी साइकिल
दोनों ने दुकानदार को मजबूरी बताई। साथ ही 500 रुपये और आधार कार्ड देते हुए कहा कि अगर भरोसा हो तो आधार कार्ड बंधक के तौर पर रख लीजिएस और दो साइकिल दे दीजिए। घर पहुंचने के बाद पैसा भेज देंगे। उनकी बेबसी देख दुकानदार ने भी दरियादिली दिखाई और साइकिलें दे दीं। दोनों 21 अप्रैल को साइकिल से ही लुधियाना से घर के लिए निकल पड़े।

घर पहुंचते ही रो पड़े भाई
1130 किलोमीटर की दूरी तय कर घर पहुंचे तो उनकी आंखें खुशी से भर आईं। परिजनों से दूरी बनाते हुए कहा कि अब घर आ गए हैं, सब टेंशन दूर हो गई है। लुधियाना में तो ऐसा महसूस हो रहा था कि जिंदगी वहीं खत्म हो जाएगी।

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