Inside Story: यूपी चुनाव में बलिया जिले की बांसडीह विधानसभा सीट का तिलिस्म कैसे तोड़ेगी भाजपा

उत्तर प्रदेश के बलिया जिले की बांसडीह विधानसभा सीट पर आजादी के बाद से अब तक भारतीय जनता पार्टी ने अपना खाता नहीं खोला है। 2017 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने पूरे राज्य में भले ही पूर्ण बहुमत प्राप्त किया लेकिन इस वर्ष भी यह सीट उसकी झोली में नहीं आई।

Asianet News Hindi | Published : Feb 8, 2022 8:40 AM IST / Updated: Feb 09 2022, 11:33 AM IST

रवि प्रकाश सिंह

बलिया: उत्तर प्रदेश के बलिया जिले की बांसडीह विधानसभा सीट (Bansdih Assembly Seat) पर आजादी के बाद से अब तक भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने अपना खाता नहीं खोला है। यहां तक की 2017 के विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने पूरे प्रदेश में भले ही पूर्ण बहुमत प्राप्त किया लेकिन 17 के विधानसभा चुनाव में भी यह सीट उसकी झोली में नहीं आई। और अब एक बार फिर से 2022 का विधानसभा चुनाव आ गया है। हालांकि 2022 के विधानसभा चुनाव में समीकरण हर बार की अपेक्षा इस बार कुछ अलग है। इस सीट पर भारतीय जनता पार्टी ने अभी तक अपना प्रत्याशी घोषित नहीं किया है लेकिन समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) की तरफ से रामगोविंद चौधरी प्रत्याशी घोषित हैं। जबकि बहुजन समाज पार्टी (BSP) ने मोंटी राजभर को अपना प्रत्याशी घोषित किया है। बड़ी बात यह है कि जहां एक तरफ राजभर मतदाताओं को देखते हुए समाजवादी पार्टी ने जहां ओमप्रकाश राजभर (Om Prakash Rajbhar) से गठबंधन किया है, वहीं दूसरी तरफ बहुजन समाज पार्टी ने एक महिला राजभर प्रत्याशी की घोषणा कर निश्चित तौर पर चुनाव में असर डालने का काम किया है। 

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नहीं खुला भाजपा का खाता
बात अगर आजादी के बाद उन चुनाव पर करें तो 1951 में कांग्रेस (Congress) पार्टी के शिवमंगल यहां से विधायक हुए। 1957 में कांग्रेस के ही राम लछन यहां से विधायक चुने गए। 1962 में कांग्रेस पार्टी के शिवमंगल, 1967 में बीजेएस से वैद्यनाथ चुने गए। 1969 में कांग्रेस से बच्चा पाठक चुनाव लड़े और 1980 तक बच्चा पाठक यहां कांग्रेस की सीट से विधायक रहे। 1985 में जनप से विजय लक्ष्मी विधायक हुए और 1989 के चुनाव में भी जनता दल से इस सीट से विधायक रहे। लेकिन परिस्थितियां बदलने लगी और 1991 से लेकर 1996 तक बच्चा पाठक ही कांग्रेस पार्टी से यहां विधायक रहे। 2002 के विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी के राम गोविंद चौधरी यहां से विधायक चुने गए। जिसके बाद 2007 के विधानसभा चुनाव में वह बहुजन समाज पार्टी के शिव शंकर चुनाव हार गए लेकिन 2012 और 2017 के विधानसभा चुनाव में रामगोविंद चौधरी फिर से समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी घोषित हुए और दोनों बार विधानसभा चुनाव जीते। कुल मिलाकर की आजादी के बाद से ही बलिया की बांसडीह विधानसभा सीट पर भारतीय जनता पार्टी का खाता नहीं खुला। 

भाजपा को उम्मीद, अति पिछड़ा वर्ग वोट मिलेगा
2022 का विधानसभा चुनाव नजदीक है। सभी पार्टियों ने अपने उम्मीदवार भी घोषित कर दिए हैं। भारतीय जनता पार्टी इस बार इस सीट पर जीत दर्ज करना चाहती है और शायद यही वजह है कि वह काफी सोच समझकर यहां अपना प्रत्याशी घोषित करे। क्योंकि पिछले काफी समय से इस सीट पर खाता न खुलने से कहीं ना कहीं भारतीय जनता पार्टी के मन में भी एक कसक बाकी है। बड़ी बात यह भी है कि राजभर मतदाताओं की संख्या ठीक-ठाक होने के नाते भारतीय जनता पार्टी को इस बार यह उम्मीद है कि कहीं न कहीं से कुछ ही सही लेकिन अति पिछड़ा वर्ग का वोट उसे जरूर मिलेगा। साथ ही साथ भारतीय जनता पार्टी को यह भी लगता है कि जब फारवर्ड लाबी खुल करके भारतीय जनता पार्टी के साथ है तो ऐसे में मतलब दोनों कि अगला और अति पिछड़ा मतदाताओं के ऊपर से जरूर मिलेंगे। ऐसे में हो सकता है कि इस बार वह इस विधानसभा चुनाव में  कमल खिलाने में सफल हो जाए। 7 मार्च को चुनाव है, 10 मार्च को नतीजे आएंगे। देखना यह होगा कि भारतीय जनता पार्टी बलिया जिले के इस विधानसभा सीट का तिलिस्म तोड़ने में कितना कामयाब हो पाती है, या फिर हर बार की तरह इस बार भी पार्टी को यहां से निराशा ही हाथ लगती है।

UP Election Info: उत्‍तर प्रदेश व‍िधानसभा चुनाव 2022 में 403 व‍िधानसभा सीट के ल‍िए पहले चरण का मतदान 10 फरवरी, दूसरा चरण 14 फरवरी, तीसरा चरण 20 फरवरी, चौथा चरण 23 फरवरी, पांचवां चरण 27 फरवरी, छठा चरण 3 मार्च और अंतिम चरण का मतदान 7 मार्च को है। कुल 7 चरणों में होगा यूपी में चुनाव। मतगणना 10 मार्च को होगी।

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