सपा के लिए सिर मुंडवाते ओले पड़ने की कहावत सही साबित हो गई। अखिलेश ने कल कहा कि ऑनलाइन या डिजिटल आधार पर चुनाव होगा तो नुकसान होगा। आपको बता दें कोरोना को मद्देनजर रखते हुए चुनाव आयोग ने चुनाव की तैयारियां डिजिटल करने का आदेश दे दिया है। जिससे सपा काफी डरी नजर आ रही है।
लखनऊ: शनिवार को लागू हुई आचार संहिता (Code Of Conduct) के मद्देनजर भाजपा के प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी (Sudhanshu Trivedi) ने सोमवार को लखनऊ में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की जिसमें उन्होंने विपक्ष पर निशाना साधा। इन दिनों मुख्य विपक्षी दल कही जाने वाली सपा पार्टी (SP) पर हमला बोलते हुए त्रिवेदी ने कहा कि यूपी में विधानसभा चुनाव (Vidhansabha Chunav) का शंखनाद हो चुका है। सपा के लिए सिर मुंडवाते ओले पड़ने की कहावत सही साबित हो गई। अखिलेश (Akhilesh Yadav) ने कल कहा कि ऑनलाइन या डिजिटल आधार पर चुनाव होगा तो नुकसान होगा। आपको बता दें कोरोना को मद्देनजर रखते हुए चुनाव आयोग ने चुनाव की तैयारियां डिजिटल (Digital) करने का आदेश दे दिया है। जिससे सपा काफी डरी नजर आ रही है।
ज़मीन बचाने, आग लगाने के लिए चुनाव लड़ रहा विपक्ष
अखिलेश पर वार करते हुए त्रिवेदी ने कहा कि 24 मई 2015 का ट्वीट है जिसमे वो फोटो है, लेकिन वो ट्वीट अब डिलीट कर दिया गया। सपा प्रमुख जब सीएम थे तब अपने इत्र वाले मित्र के साथ फ्रांस गए थे, तब एक ट्वीट भी किया गया था। अब वो ट्वीट डिलीट कर दिया गया। लेकिन अखिलेश जी आप इससे बच नही पाएंगे। जनता जवाब मांग रही है। उन्होंने कहा कि 2005 से 2017 के बीच नोएडा अथॉरिटी में 52 हज़ार करोड़ का घोटाला किया गया। जिसका हिसाब उन्हें देना पड़ेगा। चुनाव की घोषणा होते ही अखिलेश यादव को परिणाम पता चल गया। तभी तो बोल रहे हैं कि डिजिटल माध्यम में भाजपा भारी है। उनके बयान से तय है कि वे अपनी हार मान चुके हैं। प्रवक्ता ने विपक्ष को लेकर कहा कि इस चुनाव में सपा ,बसपा (BSP) और कांग्रेस (Cogress) अपनी ज़मीन बचाने ,उपस्थिति दर्ज कराने और ओवैसी (Owaisi) आग लगने के लिए चुनाव लड़ रहे हैं। शिवपाल यादव बड़े दल के चाचा हैं, जब लैपटॉप बंट रहा था तब भी वो उनके साथ थे और अब बोल रहे हैं कि हम डिजिटली कमजोर हैं।
सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि अखिलेश यादव पहले दूसरों को बोलते थे कि उन्हें लैपटॉप चलाना नही आता,लेकिन वे अब खुद ही स्वीकार कर रहे हैं कि वे तकनीक रूप से कमज़ोर हैं। यूपी में चुनाव का शंखनाद हो चुका है। सपा के लिए सिर मुंडवाते ओले पड़ने की कहावत सही साबित हो गई। अखिलेश जी ने कल कहा कि ऑनलाइन या डिजिटल आधार पर चुनाव होगा तो नुकसान होगा। जब अखिलेश यह कहते है तो मैं पूछना चाहता हु की अखिलेश यादव जो विदेशों में पढ़ाई करके लौटे है। जो लैपटॉप की बात करते है, लगातार टेक्नोसेवी होने की बात करते है। अब वो डर गए है। उन्हें हार के डर है। यूपी चुनाव में समाजवादी पार्टी अपनी जमीन सम्पत्ति बचाने के लिए चुनाव मैदान में है, बसपा इज्जत बचाने के लिए और कांग्रेस उपस्थित दर्ज कराने के लिए मैदान में है। ओवैसी जैसों को आग लगानी है। सिर्फ भाजपा को सरकार बनानी है।