अधिकारियों और भूमाफिया के गठजोड़ से बेशकीमती जमीनें बेंची जा रही हैं। यह आरोप भारतीय जनता पार्टी (BJP) के सांसद लल्लू सिंह और समाजवादी पार्टी (SP) के पूर्व राज्यमंत्री तेज नारायण पांडेय ने लगाया है। दोनों जनप्रतिनिधि दो दिन पहले शहर से सटे माझा जमथरा के डूब क्षेत्र में बने मकानों पर प्राधिकरण के ध्वस्तीकरण की कार्रवाई होने के बाद यह बात कही है।
अनुराग शुक्ला
अयोध्या: अधिकारियों और भूमाफिया के गठजोड़ से बेशकीमती जमीनें बेंची जा रही हैं। यह आरोप भारतीय जनता पार्टी (BJP) के सांसद लल्लू सिंह और समाजवादी पार्टी (SP) के पूर्व राज्यमंत्री तेज नारायण पांडेय ने लगाया है। दोनों जनप्रतिनिधि दो दिन पहले शहर से सटे माझा जमथरा के डूब क्षेत्र में बने मकानों पर प्राधिकरण के ध्वस्तीकरण की कार्रवाई होने के बाद यह बात कही है। दोनों नेताओं ने सीएम योगी आदित्यनाथ से शीर्ष एजेंसियों से जांच कराने की मांग की है। मामला यह कि 2014 से माझा जमथरा इलाके में भू-माफिया प्लाटिंग कर रहें हैं ।अब तक यहां पर 1000 से अधिक घर बन चुके है। 700 से अधिक लोग प्लाटिंग करा चुके है। अब कई साल बाद डूब क्षेत्र बताकर लोगों के मकानों को अवैध घोषित कर कुछ मकानों को पिछले दिनों गिरा कर 135 और लोगो को नोटिस थमा दी गई है। बता दें राम मंदिर बनने के साथ ही अयोध्या में जमीनों के भाव आसमान छूने लगे हैं।
बीजेपी सांसद ने अधिकारियों पर लगाए कई गंभीर आरोप एसआईटी से जांच कराने की मांग
सांसद के मुताबिक अयोध्या में भू- माफियाओं का ऐसा दबदबा है कि पूर्व में संबंधित तत्कालीन अधिकारियों/ कर्मचारियों के साथ मिलकर नजूल तथा डूब क्षेत्र( दरिया बुर्ज) की जमीनों में कागजी हेराफेरी करके लोगों को गुमराह कर जमीनों को उनके नाम कर दिया गया। जिससे रोजी-रोटी कमाने वाले जो व्यक्ति शहर में रहना चाहते हैं। ऐसे लोगों के साथ उक्त जमीनों को बेचकर करोड़ों और अरबों रुपए की हेराफेरी की गई। उन्होंने कहा कि जमथरा घाट से रामनगरी के गोला घाट तक की जमीनों पर भू- माफियाओं का व्यापार फल फूल रहा है।
उन्होंने अधिकारियों पर सीधा आरोप लगाते हुए कहा कि पिछले 3 दशकों से यूपी शासन द्वारा नजूल का किसी भी प्रकार का पट्टा नहीं किया जा रहा है और ना ही किए गए पट्टे का रिन्यूअल और फ्रीहोल्ड भी नहीं हो रहा है। फिर भी जमीनों की खरीद-फरोख्त जारी है।अब लोगों ने जमीन खरीद कर अपना मकान बना लिया है या बनाने वाले हैं। उन्होंने सीएम योगी आदित्यनाथ से मांग की है कि अवैध रूप से हुई खरीद-फरोख्त की एसआईटी द्वारा जांच आवश्यक है। जिससे भू- माफियाओं के साथ तत्कालीन दोषी अधिकारियों और कर्मचारियों के विरुद्ध कठिन से कड़ी कार्रवाई हो सके ।उन्होंने कहा कि महानगर विकसित होने में विभिन्न योजनाओं में जमीनों का आरक्षित होना आवश्यक है । भू- माफियाओं द्वारा नजूल तथा डूब क्षेत्र की विक्रय की गई भूमि में भ्रष्टाचार की जांच करवा कर तत्कालीन दोषी अधिकारियों व कर्मचारियों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाए। जिससे भविष्य में भू- माफियाओं पर लगाम लगाया जा सके।
निर्माण होने पर क्यों नही रोका गया, अधिकारियों पर भी हो कार्यवाही
सपा के पूर्व राज्यमंत्री तेज नारायण पांडे ने कहा कि बिना सोचे समझे मकानों पर बुलडोजर अधिकारी चलवा रहे हैं। इसमें 70% से अधिक भूतपूर्व सैनिकों के मकान है। उन्होंने कहा जब गलत तरीके से मकान बन रहा था तो उन्हें बनने से अधिकारियों ने रोका क्यों नहीं। उन्होंने विकास प्राधिकरण और भू -माफियाओं को सांठगांठ का आरोप लगाया। उन्होंने पीड़ितों की बात पूर्व सीएम अखिलेश यादव से कराई और सरकार से मांग की है कि प्राधिकरण की कार्रवाई की जद में आए लोगों को उनके मकानों के बदले मकान दिया जाए यह फिर जमीन का पैसा। उन्होंने सीएम योगी आदित्यनाथ से पूरे मामले की जांच कराने की मांग की है ।
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