
लखनऊ. बसपा प्रमुख मायावती ने गुरुवार को देशभर के पार्टी पदाधिकारियों के साथ बैठक की। इसमें प्रदेश में 13 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव को लेकर मायावती ने जीत का मंत्र दिया। इस बैठक में सभी जिला अध्यक्ष के साथ विधानसभा अध्यक्ष, पूर्व सांसद, विधायक और सभी पार्टी पदाधिकारी शामिल हुए। बता दें, 2019 के लोकसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी के साथ मिलकर मैदान में उतरने वाली बसपा ने अकेले उपचुनाव लड़ने का फैसला किया। 13 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव में बसपा ने 11 सीट पर अपने प्रत्याशियों का नाम घोषित कर दिए हैं।
बैठक में पार्टी के पदाधिकारियों को लेकर भी अहम फैसले लिए गए। पार्टी ने प्रदेश में तीन कोऑर्डिनेटर बनाए, इसमें प्रदेश अध्यक्ष मुनकाद अली, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष आरएस कुशवाहा और भीमराव अम्बेडकर का नाम शामिल है। प्रदेश में तीन मंडल पर एक जोन इंचार्ज की व्यवस्था को खत्म करते हुए एक मंडल में एक जोन इंचार्ज रखने का फैसला लिया गया। यही नहीं, बहुजन वालेंटियर फोर्स का मंडल अध्यक्ष का पद भी खत्म कर दिया गया है। जिला स्तर और विधानसभा स्तर पर बामसेफ बने रहेंगे।
बैठक में मायावती ने आगामी विधानसभा उपचुनाव सहित पार्टी की आगे की तैयारियों के संबंध में दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने कहा, इस बार खास रणनीति के तहत उपचुनावों लड़ने के लिए पार्टी के पुराने और वरिष्ठ चेहरों को ही ज्यादातर सीटों से मैदान में उतारा गया है। इनको जिताने के लिए कार्यकर्ता और समर्थकों को हर तरह का सहयोग करना होगा। प्रदेश में भाजपा की सरकार कांग्रेस की गलत नीतियों और विफलताओं की देन है। अब भाजपा भी इसी तरह की गलती कर रही है। हमें दोनों की गलतियों से सीख लेकर आगे बढ़ना होगा। पार्टी को भाजपा और कांग्रेस दोनों के खिलाफ इस चुनाव में लड़ना है। हमें बैलेंस ऑफ पावर बनकर आगे बढ़ना है। सत्ता की मास्टर चाभी अपने हाथों में लिए बिना हमारे लोगों का हित और कल्याण संभव नहीं है।
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