प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समाजवादी पार्टी के गढ़ में कमल खिलाने के तैयारी कर रहे हैं। वहीं बीएसपी सुप्रीमों मायावती का विधानसभा चुनाव में 2017 में कानपुर और कानपुर-बुंदेलखंड में खाता भी नहीं खुला था। कानपुर-बुंदेलखंड में सुस्त पड़ी हाथी की चाल को गति देने का काम करेंगी। प्रधानमंत्री और मायावती की रैली इस क्षेत्र में सियासी समीकरण बदलने का काम करेगी।
सुमित शर्मा
कानपुर: यूपी विधानसभा चुनाव (UP Vidhansabha Chunav 2022) में सभी राजनीतिक पार्टियों के नेताओं ने कानपुर-बुंदलेखंड की तरफ अपना रुख किया है। कानपुर-बुंदेलखंड में तीसरे चरण में मतदान होना है। शनिवार को कानपुर मंडल में दो बड़े नेता एक ही दिन में कुछ किलोमीटर की दूरी पर रैली करने जा रहे हैं। बीएसपी सुप्रीमों मायावती (Mayawati) औरैया में और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 20 किलोमीटर की दूरी पर एसपी के गढ़ में जनसभा करने जा रहे हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समाजवादी पार्टी के गढ़ में कमल खिलाने के तैयारी कर रहे हैं। वहीं बीएसपी सुप्रीमों मायावती का विधानसभा चुनाव में 2017 में कानपुर और कानपुर-बुंदेलखंड में खाता भी नहीं खुला था। कानपुर-बुंदेलखंड में सुस्त पड़ी हाथी की चाल को गति देने का काम करेंगी। प्रधानमंत्री और मायावती की रैली इस क्षेत्र में सियासी समीकरण बदलने का काम करेगी।
एसपी के गढ़ में बीजेपी की नजर
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तीन दिनों में कानपुर-बुंदेलखंड में दो जनसभाओं को संबोधित करेंगे। पीएम 12 फरवरी को कन्नौज की तिर्वां में रैली करेंगे। इसके बाद 14 फरवरी को कानपुर देहात के अकबरपुर में सभा करेंगे। समाजवादी पार्टी के गढ़ में रैली कर प्रधानमंत्री कन्नौज, इटावा, औरैया, फर्रूखाबाद में आने वाली विधानसभा सीटों पर पार्टी के पक्ष में माहौल बनाएंगे। कानपुर देहात में रैली कर प्रधानमंत्री पूरे कानपुर-बुंदेलखंड में बीजेपी के पक्ष माहौल बनाएंगे। इस दौरान आसपास की विधानसभाओं के प्रत्याशी भी मौजूद भी रहेंगे।
बीजेपी का मजबूत किला
कानपुर-बुंदेलखंड बीजेपी का सबसे मजबूत किला है। बीजेपी ने 2017 के विधानसभा चुनाव में कानपुर-बुंदेलखंड की 52 सीटों में से 47 सीटों पर जीत दर्ज की थी। इसके बाद 2019 के लोकसभा चुनाव में कानपुर-बुंदेलखंड की 10 लोकसभा सीटों में से 10 सीटों पर शानदार जीत दर्ज की थी। इस लिए बीजेपी कानपुर-बुंदलेखंड को अपना सबसे मजबूत किला मानती है। इस विधानसभा चुनाव में बीजेपी की नजर इटावा की जसवंतनगर और कन्नौज की सदर सीट पर है।
2017 में नहीं खुला था खाता
बसपा सुप्रीमों मायावती 12 फरवरी को औरैया के बेला भदवारा रोड पर रैली करने जा रही हैं। बीएसपी सुप्रीमों ने मायावती ने विधानसभा चुनाव 2017 में इस क्षेत्र में रैली नहीं की थी। जिसका परिणाम भी पार्टी को भुगतना पड़ा था। बीएसपी के खाते में एक भी सीट नहीं गई थी, जबकि औरैया और उसके आसपास की विधानसभाएं बीएसपी का गढ़ मानी जाती थीं।
एसपी के गढ़ में नजर
कानपुर मंडल में सपा और बीजेपी के टिकट बटवारे को असंतोष की स्थिति बनी हुई है। एसपी और बीजेपी के नेताओं के अंदर दबे सुरों में बगावती तेवर दिख रहे हैं। बसपा सुप्रीमों मायावती इसका फायदा उठाना चाहती हैं। इसके साथ ही मायावती की भी नजर इटावा की जसवंतनगर और कन्नौजी की विधानसभा सीटों पर है। इटावा की जसवंतनगर सीट से पांच बार के विधायक शिवपाल सिंह यादव लड़ रहे हैं।
बीएसपी और बीजेपी दोनों ही पार्टियों की नजर एसपी के गढ़ जीत दर्ज करने की है। मायावती की रैली लगभग सभी तैयारियों को पूरा कर लिया गया है। जानकारी के मुताबिक मायावती रैली स्थल पर लगभग 10 बजे के करीब पहुंचेंगी। वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैली कन्नौज के तिर्वां में लगभग 11 बजे होगी।