अपने जन्मदिन पर बीएसपी सुप्रीमों मायावती ने दिया नेताओं को तोहफा, जारी की 53 प्रत्याशियों की सूची

उन्होंने कहा कि जातिवादी मानसिकता वालों को बीएसपी पसंद नही करती है। प्रदेश की जनता यूपी में दोबारा बीएसपी की सरकार चाहती है। पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव में पार्टी के लोग सहयोग नहीं कर पा रहे हैं मुझे इस बात की काफी चिंता है। 2007 में हमारी सरकार में जनहित की नई नई योजनाएं चालू की थी।

Asianet News Hindi | Published : Jan 15, 2022 6:22 AM IST / Updated: Jan 15 2022, 12:09 PM IST

लखनऊ: विधानसभा चुनाव (VIdhansabha Chunav) की तारीखों का ऐलान हो चुका है। सभी दल अलग अलग राज्यों में अपने प्रत्याशियों की लिस्ट जारी कर रहे हैे। वहीं बीजेपी भी कुछ समय में अपनी प्रत्याशियों की लिस्ट जारी करने वाली है। आज अपने जन्मदिन के अवसर पर बीएसपी (BSP) सुप्रीमों मायावती (Mayawati) ने 53 उम्मीदवारों की सूची जारी कर दी है। इस मौके पर मायावती ने कहा कि आज मेरा जन्मदिन है इस मौके पर मैं अपने शुभचिंतकों का आभार व्यक्त करती हूं। जिन्होंने पुराना प्रोटोकॉल के चरित्र मेरा जन्मदिन मनाने एव डॉक्टर भीमराव अंबेडकर छत्रपति शाहूजी महाराज महात्मा ज्योतिबा फुले गुरु नारायण एवं काशीराम के विचारों को समाज मे आगे बढ़ा रहे है।

मायावती ने कहा कि जनता बीएसपी को फिर से सत्ता में वापस लाएगी। हमारी सरकार सर्वजन हिताय सर्वजन सुखाय की सरकार होगी। मैं अपने शुभचिंतकों को आभार व्यक्त करती हों जो कोरोना नियमों का पालन करते हुए मना रहे हैं। मेरे देश को आज पूरे देश में बीएसपी के लोग जनकल्याण के रूप में मना रहे है। कार्यकर्ता अपने समर्थ के हिसाब से गरीबों की सेवा कर रहे हैं। कोरोना से जिन परिवारों की मौत हो गई है उनके पीड़ित परिजनों की भी सहायता कर रहे है। हमारी पार्टी गरीब और कमज़ोर की हमेशा सहायता करती है। हमारी पार्टी की सरकार ने जनकल्याण हित में अनेकों योजनाएं चलाई हैं। उन्होंने कहा कि जातिवादी मानसिकता वालों को बीएसपी पसंद नही करती है। प्रदेश की जनता यूपी में दोबारा बीएसपी की सरकार चाहती है। पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव में पार्टी के लोग सहयोग नहीं कर पा रहे हैं मुझे इस बात की काफी चिंता है। 2007 में हमारी सरकार में जनहित की नई नई योजनाएं चालू की थी। ये जातिवादी मानसिकता वालों को पसंद नही।

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स्वार्थी लोग कर रहे हैं दलबदल
मायावती ने कहा कि स्वार्थी किस्म के लोग दलबदल कर रहे हैं। इस कानून को सख्त बनने की जरूरत है। सपा के साथ दलबदलू नेता गठबंधन कर रहे हैं। कह रहे हैं कि दलितों वंचितों और महापुरुषों का सम्मान करेंगे। चिल्ला चिल्ला का बोल रहे थे की सपा के साथ पार्टी अंबेडकरवादी पार्टी है। इसमें सच्चाई नहीं है।  सपा ने दलितों के विधेयक को राज्यसभा में फाड़कर फेंक दिया था। कैसे ये दलितों के हितेषी होंगे।

जिलों के नाम सपा ने बदले
भदोही जिले का नाम संत रविदासनगर का नाम बदला था। सपा ने ऐसा किया था। पूर्वांचल के लोग ऐसा जानते हैं। दुख इस बात का है कि अपनी सत्ता में इसे भदोही कर दिया। इसी दल ने ओबीसी में यादवों का ही ख्याल रखा, बीएसपी ने सबका ध्यान रखा। सपा ने खूब दंगे करवाए, चुनाव में वोट लिया लेकिन भागीदारी नहीं दी सपा ने। पहली लिस्ट में इसकी उपेक्षा की गई, दलित मुस्लिमों की।
 

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