
लखनऊ: दिल्ली में श्रद्धा हत्याकांड और लखनऊ के काकोरी में हुई निधि गुप्ता की हत्या के बाद अवैध मतांतरण के कई मामले सामने आ चुके हैं। इसी के चलते कई जघन्य घटनाओं का ग्राफ भी बढ़ा हुआ है। प्रदेश के कई जिले ऐसे हैं जहां अभी तक कोई भी मतांतरण का मामला सामने नहीं आया है। वहीं फतेहपुर में इसके सबसे अधिक केस दर्ज किए गए हैं।
507 आरोपितों को किया जा चुका है गिरफ्तार
यूपी में हर तीसरे दिन अवैध मतांतरण को लेकर केस दर्ज हो रहा है। वहीं कई ऐसे भी मामले सामने आए हैं जिसमें पुलिस तक बात ही नहीं पहुंची। प्रदेश में विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध अधिनियम के तहत दो वर्षों में अब तक 291 से भी अधिक मुकदमे दर्ज किए गए हैं। रिपोर्टस के अनुसार इसके तहत 507 आरोपितों को गिरफ्तार भी किया गया है। पुलिस की कार्रवाई के बाद भी इस तरह की घटनाएं कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। यही कारण है कि अब अवैध मतांतरण को लेकर कानून को और भी अधिक कठोर करने की पैरवी की जा रही है।
17 जिलों से सामने नहीं आया कोई मामला
पुलिस के द्वारा अलग-अलग जिलों में दर्ज मुकदमों पर चल रही कार्रवाई के बाद निगरानी भी बढ़ाई गई है। लगातार वरिष्ठ अधिकारी इन मामलों की समीक्षा भी कर रहे हैं। यूपी में 27 नवंबर 2020 से 30 अक्टूबर 2022 तक अवैध मतांतरण के सबसे अधिक 20 मुकदमे फतेहपुर में दर्ज हुए हैं। यूपी के 8 ऐसे जिले हैं जहां 10 से अधिक मामले सामने आए हैं। इसमें लखनऊ, सहारनपुर, बरेली, पीलीभीत, गोरखपुर, गोंडा, आजमगढ़ और कानपुर शामिल हैं। वहीं प्रदेश के 17 ऐसे जिले भी हैं जहां मतांतरण को लेकर कोई भी मामला सामने नहीं आया। इसमें अलीगढ़, कासगंज, कानपुर देहात, कन्नौज, झांसी, जालौन, ललितपुर, सुलतानपुर, कौशाम्बी, चित्रकूट, देवरिया, संतकबीरनगर, श्रावस्ती, चंदौली, सोनभद्र, भदोही व वाराणसी का नाम शामिल है।
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