Gorakhpur: मनीष हत्याकांड मामले में CBI ने साढ़े चार घंटे तक घरवालों से की पूछताछ

होटल कृष्णा पैलेस में पुलिस बर्बरता का शिकार हुए प्रापर्टी डीलर मनीष गुप्ता के घर गुरुवार को सीबीआई की चार सदस्यीय टीम पहुंची। टीम ने मनीष की पत्नी से पूरा घटनाक्रम जाना। साथ ही मनीष के पिता और ससुर से भी घटना को लेकर पूछताछ की गई। तीनों के बयान दर्ज करने के बाद शाम को टीम वहां से निकली।

Asianet News Hindi | Published : Dec 10, 2021 6:33 AM IST

कानपुर: 27 सितंबर की रात रामगढ़ताल थाना क्षेत्र के होटल कृष्णा पैलेस (Krishna Palace) में कानपुर के कारोबारी मनीष गुप्ता (Manish Gupta) की मौत हो गई थी। मनीष के दोस्तों ने पुलिस की पिटाई से मौत का आरोप लगाया था। मुकदमे की विवेचना कर रहे सीबीआई इंस्पेक्टर विवेक कुमार श्रीवास्तव (CBI Inspector Vivek Kumar Srivastava) टीम के साथ गुरुवार दोपहर एक बजे मनीष के घर पहुंचे। पहले मनीष की पत्नी मीनाक्षी (minakshi) से पूछताछ (inquiry) शुरू की। ये पूछताछ करीब साढ़े चार घंटे तक चली।

गोरखपुर के जिलाधिकारी और एसएसपी पर मामले में लीपापोती का लगा आरोप
सीबीआई ने मीनाक्षी से घटना वाली रात से लेकर अंतिम संस्कार तक पूरा घटनाक्रम जाना। आपको बता दें मीनाक्षी ने दोषी पुलिसकर्मियों, गोरखपुर के जिलाधिकारी (Gorakhpur District Magistrate) और एसएसपी (SSP) पर मामले में लीपापोती करने का आरोप लगाया।  सीबीआई ने साथियों या किसी और पर शक होने का भी सवाल मीनाक्षी से किया। सीबीआई करीब दो घंटे तक टीम पूछताछ कर उनके बयान (Statement) दर्ज करती रही। इसके बाद टीम ने 45 मिनट में अलग-अलग कमरों में मनीष के पिता नंदकिशोर और ससुर मदन गोपाल गुप्ता से पूछताछ कर बयान दर्ज किए। करीब साढ़े चार घंटे तक पूछताछ कर सीबीआई की टीम शाम को वहां से रवाना हुई।

पहले एसआईटी कानपुर फिर सीबीआई, लखनऊ को सौंपा गया मामला
आपको बता दें कि 27 सितंबर की रात रामगढ़ताल थाना क्षेत्र के होटल कृष्णा पैलेस में कानपुर के कारोबारी मनीष गुप्ता की मौत हो गई थी। मनीष के दोस्तों ने पुलिस की पिटाई से मौत का आरोप लगाया था। मनीष की पत्नी मीनाक्षी ने होटल के कमरा नंबर 512 में चेकिंग करने गए तत्कालीन थाना प्रभारी इंस्पेक्टर जगत नारायण सिंह, दरोगा अक्षय मिश्रा, विजय यादव व राहुल दुबे, सिपाही प्रशांत कुमार व हेड कांस्टेबल कमलेश यादव के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कराया था। मीनाक्षी ने गोरखपुर पुलिस पर सवाल उठाते हुए सीबीआई जांच की मांग की थी। उनकी मांग पर पहले एसआईटी कानपुर (SIT Kanpur) को जांच दी गई थी। करीब एक महीने तक एसआईटी ने जांच की। वह चार्जशीट दाखिल करती इससे पहले जांच सीबीआई को सौंप दी गई। दो नवंबर को सीबीआई, लखनऊ (CBI Lucknow) ने इस मामले में अपने यहां एफआईआर (FIR) दर्ज की थी।

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