योगी सरकार की सिफारिश के बाद हाथरस मामले की जांच CBI ने अपने हाथ में ले लिया है। CBI अब इस मामले में शुरुआती तथ्यों से गहनता से जांच पड़ताल करेगी। अभी तक इस मामले की जांच एसआईटी कर रही थी
लखनऊ. योगी सरकार की सिफारिश के बाद हाथरस मामले की जांच CBI ने अपने हाथ में ले लिया है। CBI अब इस मामले में शुरुआती तथ्यों से गहनता से जांच पड़ताल करेगी। अभी तक इस मामले की जांच एसआईटी कर रही थी। योगी सरकार ने हाथरस कांड की जांच के लिए सीबीआई को संस्तुति पत्र भेजा था। केंद्र सरकार की डीओपीटी विभाग के नोटिफिकेशन के बाद सीबीआई ने हाथरस केस को टेकओवर किया है। जल्द सीबीआई हाथरस केस की जांच शुरू करेगी।
अभी तक हाथरस कांड की जांच एसआईटी कर रही थी। हाल ही में इस जांच को पूरा करने के लिए यूपी सरकार ने 10 दिनों का और वक्त दे दिया था, ताकि सच सामने आ सके। माना जा रहा था कि इस मामले में लगातार बढ़ते पेच की वजह से सरकार ने ये फैसला लिया, लेकिन अब ये मामला सीबीआई के पास पहुंच गया है।
PFI का नाम भी आया था सामने
हाथरस कांड के बाद जातीय उन्माद फैलाने की साजिश का खुलासा हुआ है, जिसके पीछे पीएफआई का नाम आया है। इसी दौरान पुलिस ने PFI के मुखपत्र के संपादक को गिरफ्तार किया है, जो केरल में है। वह शाहीन बाग के पीएफआई कार्यालय का सचिव भी था। पुलिस को इस मामले में भीम आर्मी के पीएफआई के साथ संलिप्त होने के संकेत भी मिले हैं।
पर्याप्त सुरक्षा के बीच पीड़ित परिवार को हाईकोर्ट ले जाएगी पुलिस
पीड़िता की मौत के मामले में 12 अक्तूबर को उसके परिजन हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच के समक्ष प्रस्तुत होंगे। परिजन कड़ी सुरक्षा के बीच हाईकोर्ट जाएंगे। पुलिस ने उनकी सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम किए हैं। गौरतलब है कि हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने इस मामले को स्वत: संज्ञान लिया था। अधिकारियों को 12 अक्तूबर को तलब किया गया है। वहां कुछ उच्चाधिकारियों के अलावा डीएम और एसपी को भी बुलाया गया था। पीड़िता का परिवार भी बुलाया गया था। हाईकोर्ट का यह संदेश खुद प्रभारी जिला जज पीड़ित परिवार से मिलकर दे गए थे। पीड़ित परिवार को कड़ी सुरक्षा के बीच पुलिस यहां से लेकर जाएगी और उसके बाद फिर घर पर छोड़कर आएगी।