
शाहजहांपुर (Uttar Pradesh). छात्रा के यौन उत्पीड़न के आरोपी पूर्व केंद्रीय गृह राज्यमंत्री स्वामी चिन्मयानंद की जमानत अर्जी शनिवार को वकीलों की हड़ताल की वजह से दाखिल नहीं हो सकी। वहीं, जेल में चिन्मयानंद की पहली रात आराम से कटी। पांच घंटे सोने के बाद सुबह उठकर उन्होंने एक घंटे ध्यान लगाया। बता दें, शुक्रवार (20 सितंबर) को एसआईटी ने पूर्व मंत्री को उनके दिव्य आश्रम से गिरफ्तार किया था, जिसके बाद उन्हें कोर्ट ने 14 दिनों की न्यायिक हिरासत पर भेज दिया।
आम कैदियों के साथ बैरक में बंद हैं चिन्मयानंद
जेल अधीक्षक राकेश कुमार ने न्यूज एजेंसी को बताया, चिन्मयानंद को शुक्रवार को जिला कारागार लाया गया था। दिनभर एकांत में रहने के बाद रात में वो साढ़े दस बजे सो गए और सुबह साढ़े तीन बजे उठ गए। इसके बाद करीब एक घंटे ध्यान लगाया। सुबह पांच बजे बैरक खुलने तक वह अंदर ही टहलते रहे। नाश्ते में उन्होंने कैदियों को मिलने वाली चाय पी और दलिया खाया। दोपहर में दाल-रोटी और सब्जी खाई। चिन्मयानंद को कोई भी वीआईपी सुविधा नहीं दी जा रही। आम कैदियों की तरह बैरक में अन्य बंदियों के साथ रह रहे हैं।
जानें क्यों नहीं दाखिल हो सकी जमानत अर्जी
चिन्मयानंद के वकील ओम सिंह ने बताया, जिला अदालत के अधिवक्ता लंबे समय से शाहजहांपुर को लखनऊ उच्च न्यायालय की पीठ से जोड़ने की मांग कर रहे हैं। इसीलिए हर शनिवार को हड़ताल करते हैं। इसी के चलते चिन्मयानंद की जमानत अर्जी दाखिल नहीं की जा सकी।
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