करीब 2 महीने बाद एसआईटी ने पूर्व केंद्रीय गृह राज्यमंत्री स्वामी चिन्मयानंद के मामले में चार्जशीट तैयार कर ली है। बुधवार को यह इलाहाबाद हाईकोर्ट में दाखिल की जाएगी। गौर करने वाली बात ये है कि चार्जशीट में बीजेपी के प्रदेश उपाध्यक्ष के भाई डीपी सिंह राठौर और अजीत सिंह का नाम भी शामिल किया गया है।
शाहजहांपुर (Uttar Pradesh). करीब 2 महीने बाद एसआईटी ने पूर्व केंद्रीय गृह राज्यमंत्री स्वामी चिन्मयानंद के मामले में चार्जशीट तैयार कर ली है। बुधवार को यह इलाहाबाद हाईकोर्ट में दाखिल की जाएगी। गौर करने वाली बात ये है कि चार्जशीट में बीजेपी के प्रदेश उपाध्यक्ष के भाई डीपी सिंह राठौर और अजीत सिंह का नाम भी शामिल किया गया है। डीपी सिंह जिला सहकारी बैंक के चेयरमैन हैं।
बीजेपी नेता ने चिन्मयानंद से मांगी थी रंगदारी
एसआईटी चीफ नवीन अरोड़ा ने बताया, बीजेपी नेता डीपी सिंह ने छात्रा की राजस्थान पहुंचने में मदद की थी। जहां से उसे यूपी पुलिस ने बरामद किया था। नेता ने भी छात्रा और उसके दोस्त से चिन्मयानंद के स्टिंग का वीडियो वाली पेन ड्राइव लेकर चिन्मयानंद से सवा करोड़ की रंगदारी मांगी थी। उसके घर से बरामद लैपटॉप और पेन ड्राइव से चिन्मयानंद व छात्रा के अश्लील वीडियो मिले हैं।
नवीन अरोड़ा ने बताया, 4700 पन्नों की चार्जशीट तैयार की गई है। पूरी जांच में 105 गवाहों के बयान लिए गए। पूरी सीडीआर में रंगदारी मांगने के आरोप भी सही पाए गए हैं। चिन्मयानंद यौन उत्पीड़न के आरोप के मामले और आरोप लगाने वाली छात्रा द्वारा 5 करोड़ की रंगदारी मांगने के मामले में स्थानीय पुलिस और कॉलेज की स्टॉफ की भूमिका भी संदिग्ध है। इसकी रिपोर्ट शासन को सौंपी जाएगी। हालांकि, जांच के दौरान वो चश्मा नहीं मिला जिससे वायरल वीडियो शूट किया गया था।
क्या है पूरा मामला
बीते 23 अगस्त को छात्रा हॉस्टल से लापता हो गई थी। 24 अगस्त को उसका एक वीडियो सामने आया था, जिसमें उसने अपहरण और यौन शोषण का आरोप लगाया था। 25 अगस्त को छात्रा के पिता ने चिन्मयानंद के खिलाफ अपहरण और धमकी देने का केस दर्ज कराने के लिए पुलिस को तहरीर दी थी। जिसके बाद चिन्मयानंद के वकील ने अज्ञात के खिलाफ पांच करोड़ रुपए की फिरौती मांगने की रिपोर्ट दर्ज कराई। 30 अगस्त को छात्रा को उसके एक दोस्त के साथ पुलिस ने राजस्थान से बरामद किया। उसी दिन छात्रा को सुप्रीम कोर्ट में पेश किया गया।
जांच के बाद 20 सितंबर को चिन्मयानंद को उनके आश्रम से गिरफ्तार कर लिया गया। इसके बाद 25 सितंबर को रंगदारी मांगने के आरोप में छात्रा को गिरफ्तार कर 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया। तब से छात्रा व उसके दोस्त जेल में हैं। सीजेएम कोर्ट चिन्मयानंद व छात्रा और उसके दोस्तों की जमानत याचिका खारिज हो चुकी है।