2500 बीघे में आबाद होगा माघ मेले में तम्बुओं का शहर, इस बार होंगे ये खास इंतजाम

दिव्य कुम्भ भव्य कुम्भ के बाद इस बार सरकार माघ मेले को भी भव्यतम बनाने जा रही है। इसके लिए प्रशासनिक स्तर पर तैयारियां जोरों से चल रही हैं। बीते चार वर्षों में सम्पन्न हुए माघ मेले की अपेक्षा इस बार मेले का क्षेत्रफल 500 बीघे तक बढ़ा दिया गया है

Asianet News Hindi | Published : Jan 3, 2020 3:52 AM IST / Updated: Jan 03 2020, 10:37 AM IST

प्रयागराज(Uttar Pradesh ). दिव्य कुम्भ भव्य कुम्भ के बाद इस बार सरकार माघ मेले को भी भव्यतम बनाने जा रही है। इसके लिए प्रशासनिक स्तर पर तैयारियां जोरों से चल रही हैं। बीते चार वर्षों में सम्पन्न हुए माघ मेले की अपेक्षा इस बार मेले का क्षेत्रफल 500 बीघे तक बढ़ा दिया गया है। गंगा के कटान व उससे हुए दलदल के कारण दारागंज इलाके में मेले का विस्तार ज्यादा किया गया है। साधु-संतों की वैभवशाली दुनिया बसनी शुरू हो गई है। 

संगम की रेती पर होने वाली माघ मेले को भव्य स्वरूप देने में प्रशासन इस समय पूरे जोर-शोर से लगा हुआ है। तमाम संस्थाओं व अखाड़ों को जमीने आवंटित की जा रही हैं। संगम क्षेत्र के तकरीबन दो तिहाई हिस्से पर तम्बुओं की आध्यात्मिक व धार्मिक नगरी बसाई जा चुकी है। कल्पवासियों की आवाजाही भी शुरू हो चुकी है। 10 जनवरी को पौष पूर्णिमा से शुरू हो रहे माघ मेले के पहले पूरे माघ मेला क्षेत्र में तम्बुओं का शहर आबाद हो जाएगा। 

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इस बार 500 बीघे बढ़ गया क्षेत्रफल 
माघ मेले का क्षेत्रफल बीते 4 सालों की अपेक्षा इस बार 500 बीघे बढ़ा दिया गया है। गंगा के कटान के कारण दारागंज की तरफ मेले का विस्तार किया गया है। साल 2016 में क्षेत्रफल 1350 बीघे था, जबकि साल 2017 में यह बढ़कर 1432 बीघे हो गया। साल 2018 में इसे थोड़ा और विस्तारित किया गया और उस समय इसका क्षेत्रफल 1797 बीघे कर दिया गया। अब 2020 में माघमेला 2560 बीघे में बसने जा रहा है। ऐसे में पिछले चार सालों में माघमेले का क्षेत्रफल 500 बीघे बढ़ा दिया गया है। 

मेले में आने वाले लोगों के लिए ये होगी खास व्यवस्था 
मेले में आने वाले लोगों के लिए कुछ खास इंतजाम भी किए जा रहे हैं। लोगों को असुविधा न हो इसका पूरा ध्यान रखा जाए रहा है। इसके तहत 03 भूले भटके शिविर बनाए जाएंगे। 05 पांटून पुल व 8 पाइप पुलिया बनाई गयी है। जलापूर्ति के लिए 18 नलकूप लगाए गए हैं। 20 विद्युत् उपकेंद्रों से बिजली सप्लाई की जाएगी। लगभग 25 हजार शौचालय बनाए जा रहे हैं। 28 कोटे की दुकानें खोली जा रही हैं। इसके आलावा 14 गैस एजेंसी भी मेला क्षत्र में अपनी सेवाएं देंगी। 80 किमी लम्बी चकर्ड प्लेट की सड़क रेत पर बिछाई जा रही है। 

6 सेक्टरों में बसाया जाएगा मेला 
वर्ष 2018 के मेले में पांच सेक्टर थे जबकि इस बार छह सेक्टर में मेला बसाया जा रहा है। सेक्टर एक क्षेत्रफल के लिहाज से सबसे बड़ा होगा। इसमें संगम, परेड मैदान शामिल है। सेक्टर एक में ही सरकारी विभागों के कार्यालय, कंट्रोल रूम, पुलिस लाइन तथा मीना बाजार व झूले होंगे। सेक्टर एक को छोड़कर सभी सेक्टरों में कल्पवासियों को बसाया जाएगा। सेक्टर दो काली मार्ग से नागवासुकि तक होगा जबकि सेक्टर तीन, चार और पांच झूंसी क्षेत्र में होगा। सेक्टर छह अरैल क्षेत्र होगा। खाक चौक, दंडी बाड़ा और आचार्यबाड़ा झूंसी क्षेत्र में ही होंगे।

13 थाने और 20 बेड के दो अस्पताल भी बनाए गए 
सुरक्षा के लिहाज से इस बार 13 पुलिस थाने और 40 पुलिस चौकियां बनाई गई हैं। पिछले माघ मेले में 12 थाने और 36 पुलिस चौकियां थीं। मेला क्षेत्र को दो जोन और छह सेक्टरों में बांटा गया है। इसके आलावा लोगों की चिकित्सकीय सुविधा देने के लिए मेले में 20-20 बेड के दो चिकित्सालय, तीन आयुर्वेदिक और तीन होम्योपैथिक चिकित्सालयों की स्थापना की जा रही है। 10 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र स्थापित किए जा रहे हैं। हर सेक्टर में दो-दो पीएचसी बनाए जा रहे हैं।

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