
लखनऊ (Uttar Pradesh)। दूसरे राज्यों में रह रहे प्रदेश के नागरिकों की चिन्ता के कारण सीएम योगी आदित्यनाथ रातभर सो नहीं सके। टेलीफोन लाइन पर रहें। इस दौरान सीएम ने महाराष्ट्र के साथ उत्तराखंड और हरियाणा के मुख्यमंत्रियों से उत्तर प्रदेश के निवासियों का ख्याल रखने का अनुरोध किया। साथ ही कहा कि उनके राज्यों में उत्तर प्रदेश के जो लोग रह रहे हैं, उनके ठहरने-खाने की व्यवस्था कराएं। इसका सारा खर्च यूपी सरकार वहन करेगी। बता दें कि यूपी के बॉर्डर पर भीड़ जमा थी, जिन्हें रात में ही एक हजार बसों से अलग-अलग स्थानों पर पहुंचाया गया। बड़ी संख्या बिहार के निवासियों की थी।
21 जिलों में बने 100 आश्रय स्थल
अपर मुख्य सचिव राजस्व रेणुका कुमार ने बताया कि 21 जिलों में 100 आश्रय स्थल बनाए जा चुके हैं। इन जिलों में संत कबीर नगर, भदोही, मीरजापुर, कौशांबी, कासगंज, जौनपुर, गोरखपुर, अमरोहा, चंदौली, कानपुर देहात, इटावा, फर्रुखाबाद, श्रावस्ती, चित्रकूट, महाराजगंज, हापुड़, मुजफ्फरनगर, मैनपुरी, बदायूं, लखीमपुर और रामपुर शामिल हैं।अब तक सात जिलों में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की सुविधा शुरू कर दी गई है।
समस्याओं के हल करने का टाइम फिक्स
कृषि उत्पादन आयुक्त आलोक सिन्हा ने मंडलायुक्तों व जिलाधिकारियों को निर्देश जारी किया है। जिसमें कहा कि आवश्यक सेवाओं को बाधित करने संबंधी शिकायतों को जिला प्रशासन के माध्यम से तीन घंटे के भीतर निस्तारित किया जाए। इसके अलावा दूध सब्जी आदि की सप्लाई नहीं हो पाने की सूचना मिलती है तो उसे अधिकतम आठ घंटे में निपटा देना चाहिए। इसी तरह यदि किसानों को आलू भंडारण से रोका जा रहा है तो इस पर छह घंटे के भीतर कार्रवाई करके समाधान कराया जाए। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों अथवा दुकानों को दवाएं उपलब्ध नहीं होने की शिकायत मिलने पर 24 घंटे में दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित कराने को कहा गया है।
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