उच्च शिक्षण संस्थान गुरुकुल परंपरा को कायम रखते तो अराजकता का अड्डा न बनते: योगी आदित्यनाथ

सीएम ने कहा कि सत्य व धर्म से नहीं हटना, कुशल वक्तव्य करना, माता व पिता को देव समझना, आचार्य व अतिथि देवो भवः की सोच गुरुकुलों में होती है। यह सीख शिक्षण संस्थानों और महाविद्यालयों में दी जानी चाहिए। 

Asianet News Hindi | Published : Dec 30, 2019 12:25 PM IST / Updated: Dec 30 2019, 06:04 PM IST

चित्रकूट (उत्तर प्रदेश) । मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि यदि गुरुकुल परंपरा को देश के उच्च शिक्षण संस्थान कायम रखते तो शायद अराजकता का अड्डा नहीं बनते। नर को नारायण बनाने की प्रक्रिया भारत के गुरुकुलों से निकलती है। वह जगद्गुरु रामभद्राचार्य दिव्यांग विवि के 8वें दीक्षांत समारोह में 923 छात्र-छात्राओं को उपाधि देने के बाद बोल रहे थे।

साहित्य भूषण सम्मान से नवाजे गए जगद्गुरु रामभद्राचार्य
43वें हिंदी सम्मान समारोह के मौके पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने चित्रकूट में जगद्गुरु रामभद्राचार्य को साहित्य भूषण सम्मान से नवाजा। सम्मान में सीएम ने उन्हें दो लाख रूपए की धनराशि भी दी। 

सीएम ने की जगद्गुरु रामभद्राचार्य की तारीफ
साहित्य साधना के लिए सीएम ने स्वामी रामभद्राचार्य की तारीफ की। कहा कि उनका मार्गदर्शन व योगदान अनंतकाल तक मिलता रहे, यही कामना करता हूं। 

शिक्षण संस्थानों को दी जानी चाहिए यह सीख 
सीएम ने कहा कि सत्य व धर्म से नहीं हटना, कुशल वक्तव्य करना, माता व पिता को देव समझना, आचार्य व अतिथि देवो भवः की सोच गुरुकुलों में होती है। यह सीख शिक्षण संस्थानों और महाविद्यालयों में दी जानी चाहिए। 

(प्रतीकात्मक फोटो)

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