एक्शन में सीएम योगी, दो दिन में दूसरे IPS अफसरों को किया निलंबित; यूपी में अब जीरो टॉलरेंस नीति

भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाते हुए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को एक और बड़ी कार्रवाई की है। सीएम योगी ने महोबा के पुलिस अधीक्षक मणि लाल पाटीदार को निलंबित कर दिया है। 

Asianet News Hindi | Published : Sep 9, 2020 11:29 AM IST / Updated: Sep 09 2020, 05:37 PM IST

लखनऊ(Uttar Pradesh). भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाते हुए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को एक और बड़ी कार्रवाई की है। सीएम योगी ने महोबा के पुलिस अधीक्षक मणि लाल पाटीदार को निलंबित कर दिया है। सीएम योगी ने लगातार दूसरे दिन राज्य के बड़े पुलिस अधिकारी के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है। मणि लाल पाटीदार पर परिवहन में लगी गाड़ियों के चलाए जाने हेतु अवैध रूप से पैसे मांगने और वाहन स्वामी के उत्पीड़न का आरोप लगा है। महोबा में मणि लाल पाटीदार के स्थान पर अरुण कुमार श्रीवास्तव को नियुक्त कर दिया गया है। इसके पहले मंगलवार को कार्यों में लापरवाही के चलते प्रयागराज के एसएसपी अभिषेक दीक्षित को सीएम ने निलंबित किया था।

उत्तर प्रदेश गृह विभाग के प्रवक्ता के अनुसार महोबा के पुलिस अधीक्षक मणिलाल पाटीदार को तत्काल प्रभाव से निलंबित किए जाने के निर्देश दे दिए गए हैं। उन पर गिट्टी के परिवहन के लिए लगी गाड़ियों के चलाए जाने के लिए अवैध रूप से धन की मांग की गई थी, जिसे पूरा नहीं किए जाने पर वाहन स्वामी का पुलिस के माध्यम से उत्पीड़न किया गया। आईपीएस अधिकारी पाटीदार को पुलिस महानिदेशक मुख्यालय से संबद्ध कर दिया गया है और उनके साथ पर लखनऊ कमिश्नरेट के पुलिस उपायुक्त अरुण कुमार श्रीवास्तव को महोबा का नया एसपी बनाया गया है। 

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24 घंटे पहले ही निलंबित हुए थे एसएसपी प्रयागराज 
चौबीस घंटे पहले ही अपराध नियंत्रण और कानून व्यवस्था में ढिलाई बरतने और भ्रष्टाचार के आरोपों के कारण प्रयागराज के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अभिषेक दीक्षित को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर निलंबित कर दिया गया। उन्हें भी पुलिस महानिदेशक कार्यालय से संबद्ध किया गया है। अभिषेक दीक्षित पर एसएसपी प्रयागराज के रूप में तैनाती की अवधि में गंभीर आरोप लगे हैं। उन पर अनियमितताएं करने तथा शासन व पुलिस मुख्यालय के निर्देशों का पालन सही ढंग से नहीं करने का आरोप है। पोस्टिंग में भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने के आरोप भी उन पर लगे हैं। प्रयागराज में बीते तीन महीनों के दौरान लंबित विवेचनाओ में भी लगातार वृद्धि हुई।
 

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