
कानपुर: शीतलहर के चलते शहर और आसपास के जिलों में हार्ट अटैक का कहर लगातार देखने को मिल रहा है। जिले में 114 ह्रदय रोगी अभी तक हार्ट अटैक के चलते दम तोड़ चुके हैं। शहर में 63 मरीज ऐसे है जो हार्ट अटैक के बाद मृत अवस्था में ही अस्पताल पहुंचे, जबकि 51 मरीजों की मौत लक्ष्मीपत सिंहानिय ह्रदय रोग संस्थान में इलाज के दौरान हो गई। आपको बता दें कि 1 जनवरी से लेकर 8 जनवरी तक ह्रदय रोग संस्थान की ओपीडी और इमरजेंसी में कुल 5273 मरीज समस्या लेकर आए थे। रविवार को भी यहां इलाज के दौरान 5 मरीजों की मौत हो गई। जबकि 11 मरीजों की सांस अस्पताल पहुंचने पर थम चुकी थी।
जानलेवा साबित हो रही ठंड
डॉक्टर बताते हैं कि हाइपरटेंशन, मधुमेह और दिल की समस्या से जूझ रहे मरीजों के लिए कड़ाके की ठंड जानलेवा साबित होती दिख रही है। इस समस्या से उम्रदराज ही नहीं युवाओं को भी पीड़ित देखा जा रहा है। डॉक्टरों ने बताया कि बीते सात दिनों में ह्रदय रोग संस्थान में 373 मरीजों को भर्ती किया गया है। इसमें से 218 मरीज ऐसे हैं जिनका ऑपरेशन किया गया है। वहीं इस बीच 114 लोगों की जान गई है। निदेश के अनुसार पिछले वर्षों में एक सप्ताह में यह मौत का सर्वाधिक आंकड़ा हो सकता है।
ठंड से बचाव करें पीड़ित लोग
आपको बता दें कि ठंड के कहर के बीच हार्ट अटैक के पीड़ितों की संख्या में इजाफा देखा जा रहा है। आलम यह है कि कानपुर ही नहीं लखनऊ जैसे शहरों में भी ह्रदय रोग के मरीजों की संख्या में खासा इजाफा देखा गया है। आईसीयू से लेकर सामान्य वार्ड तक पूरी तरह से फुल है। मरीजों को लेकर अस्पताल पहुंच रहे लोगों को घंटो तक इंतजार भी करना पड़ रहा है। जानकार बताते हैं कि ठंड में कमी के बाद ही मरीजों के संख्या में भी कमी देखी जाएगी। अभी फिलहाल यह मौसम ह्रदय रोगियों के लिए काफी ज्यादा नुकसानदेह हैं। ह्रदयरोगियों को इस मौसम में बचकर रहना चाहिए।
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