
लखनऊ (Uttar Pradesh). योगी सरकार राजधानी लखनऊ और नोएडा में कमिश्नर प्रणाली लागू करने पर विचार कर रही है। बता दें, गुरुवार को प्रदेश सरकार ने 13 आईपीएस के ट्रांसफर किए थे। साथ ही नोएडा के एसएसपी को सस्पेंड कर दिया था। लखनऊ के एसएसपी कलानिधि नैथानी को गाजियाबाद का एसएसपी बनाया गया। लेकिन नोएडा में खाली हुई एसएसपी के पद पर किसी को तैनाती नहीं दी। ऐसे में माना जा रहा है कि जल्द ही कमिश्नर प्रणाली लागू हो सकती है। सूत्रों की मानें तो जल्द इसका प्रस्ताव तैयार कर कैबिनेट में लाया जाएगा या फिर बाई सर्कुलर के जरिए इसे लागू किया जा सकता है।
कमिश्नर प्रणाली पर डीजीपी ने कही ये बात
वहीं, इस प्रणाली को लेकर डीजीपी ओपी सिंह ने कहा, हम कानून व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए लगातार काम कर रहे हैं। ये सरकार का फैसला है और इस पर सरकार ही निर्णय लेगी। हम स्मार्ट पुलिसिंग के लिए काम कर रहे। पुलिस प्रणाली में पिछले कुछ समय में काफी सुधार हुआ है। हमारी आपातकालीन सेवा 112 विश्वस्तरीय है। इससे अब तक दो लाख 69 हजार लोग जुड़ चुके हैं। यही नहीं, रेलवे और एंबुलेंस के साथ भी सेवा का समन्वय किया। महिलाओं की सुरक्षा के लिए बड़े कदम उठाए गए। 1090 को 112 के साथ जोड़ा गया। कुंभ और चुनाव प्रक्रिया शांतिपूर्ण तरीके से सम्पन्न हुई, ये एक बेहतर पुलिसिंग का ही नतीजा है।
इस प्रणाली के लागू होने पर क्या होगा?
पुलिस कमिश्नर प्रणाली लागू होने पर कानून-व्यवस्था से जुड़े मामलों में प्रशासनिक अफसरों का दखल खत्म हो जाएगा। पुलिस को मजिस्ट्रेट के अधिकार मिल जाएंगे। पुलिस को मजिस्ट्रेट की तरह दंगे-फसाद के दौरान लाठीचार्ज, फायरिंग, गिरफ्तारी करने के आदेश देना, धारा 144 लागू करने का अधिकार मिल जाता है। इसके अलावा स्थानीय स्तर पर होने वाले धरना-प्रदर्शन, जुलूस आदि की परमिशन भी कमिश्नर दे सकता है। फिलहाल, ये सभी अधिकार जिला मजिस्ट्रेट के पास होते हैं। बता दें, देश में दिल्ली, पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और गुजरात के कई जिलों में यह प्रणाली लागू है।
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