इस मामले में अब राजनीति शुरु हो गयी है। दलित युवती की लाश पर कांग्रेस के कार्यकर्ताओं की ओर से संवेदनहीन राजनीति देखने को मिल रही है।प्रियंका गांधी की उन्नाव जिले में आने की सूचना के बाद वहां के कांग्रेसी कार्यकर्ता एक्टिव मोड पर आ गये हैं, पीएम हाउस में पहुंचे कार्यकर्ताओं ने वहीं पर झंडे और टोपी बांटना शुरु कर दिया,पुलिस मूकदर्शक बनकर देखती रही।
उन्नाव: जिले में हुए दलित युवती हत्याकांड का मामला तूल पकड़ता जा रहा है, बीती 10 फरवरी को दिव्यानंद आश्रम के पास युवती का शव बरामद हुआ था।युवती की हत्या का आरोप सपा सरकार में राज्यमंत्री रहे दिवंगत फतेहबहादुर सिंह के बेटे रजोल सिंह पर लगा है। इस मामले में अब राजनीति शुरु हो गयी है। दलित युवती की लाश पर कांग्रेस के कार्यकर्ताओं की ओर से संवेदनहीन राजनीति देखने को मिल रही है।दलित युवती के समर्थन के लिए पहुंचे कार्यकर्ताओं ने पीएम हाउस में ही टोपी व झंडा बांटना शुरु कर दिया।
दरअसल,मामला ये है की प्रियंका गांधी की उन्नाव जिले में आने की सूचना के बाद वहां के कांग्रेसी कार्यकर्ता एक्टिव मोड पर आ गये हैं।युवती के शव का दोबारा से पोस्टमार्टम होना था जिसके लिए युवती का शव पीएम हाउस लाया गया था ।इसी बीच कांग्रेस के कार्यकर्ता पीएम हाउस में राजनीति करने के लिए पहुंच गये । जहां उन्होंने कांग्रेस का प्रचार करते हुए झंडे ,टोपी और पट्टे बांटे।वहां खड़ी पुलिस ने भी किसी कार्यकर्ता को नहीं रोका बल्कि मूकदर्शक बनकर देखती रही।
आपको बता दें दलित युवती हत्याकांड में डॉक्टरों के पैनल से हुए पोस्टमार्टम पर पीड़िता के परिजनों की ओर से सवाल खड़े किए जा रहे थे। पीड़िता के परिजनों ने डीएम को प्रार्थना पत्र देकर दोबारा पोस्टमार्टम करवाए जाने की मांग की थी। डीएम ने इसकी इजाजत दे दी थी। लखनऊ से आई फॉरेंसिंक एक्सपर्ट्स की टीम से शव का दोबारा पोस्टमार्टम करवाया गया।
मामले में हो रही राजनीति
दलित युवती हत्याकांड मामले पर डिप्टी सीएम केशव मौर्य ने कहा, 'अखिलेश यादव जी, सपा नेता के खेत में दलित बेटी का शव बरामद, जब बेटी की मां आपकी गाड़ी के सामने गिड़गिड़ा रही थी तो उनकी बात नहीं सुनना और सपा नेता का संरक्षण करोगे. नई सपा में सपाइयों का हर घिनौना अपराध माफ करोगे, जांचकर दोषी को दंड पीड़ित को न्याय दिलाने कसर नहीं छोड़ेंगे.'वहीं बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा, 'उन्नाव जिले में सपा नेता के खेत में दलित युवती का दफनाया हुआ शव बरामद होना अति-दुःखद व गंभीर मामला है. परिवार वाले पहले से ही उसके अपहरण व हत्या को लेकर सपा नेता पर शक कर रहे थे. राज्य सरकार पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने के लिए दोषियों के खिलाफ तुरन्त सख्त कानूनी कार्रवाई करे.’
दोनों पोस्टमार्टम रिपोर्ट बिल्कुल अलग
दोबारा हुए पोस्टमार्टम में चौकाने वाले खुलासे हुए हैं। SGPGI टीम द्वारा किए गए पोस्चमार्टम में गला दबाने , जांघ पर चोट के निशान होने का बात सामने आई है। पहले गर्दन की हड्डी टूटी और सिर में दो चोट की पुष्टि हुई थी। पीड़िता की वकील अवनी ने बताया कि पहले पोस्टमार्टम रिपोर्ट में गले पर कोई निशान नहीं था सर पर चोट होने की बात थी लेकिन दूसरी पोस्टमार्टम रिपोर्ट में गले पर भी निशान होने की बात सामने आई है। और भी बहुत सारी भिन्नता है दोनो रिपोर्ट में। दोनो पोस्टमार्टम रिपोर्ट बिल्कुल अलग हैं। दोनों पोस्टमार्टम रिपोर्ट अलग-अलग हैं इसलिए कोर्ट की नजर में एविडेंस के तौर पर इनकी वैल्यू जीरो हो जाती है। हमारी मांग है कि एक मेडिकल बोर्ड का गठन हो जिसमें सभी एक्सपर्ट को रखा जाए और वीडियोग्राफी के जरिये दोबारा से पोस्टमार्टम हो। जब तक ऐसा ना हो तब तक शव का अंतिम संस्कार न किया जाए। पुलिस चाहती है कि जल्द सर जल्द अंतिम संस्कार ही जाए।