बच्ची के चाचा ने कहा कि आज जनता कर्फ्यू का दिन है। ऐसे में कोरोना से अच्छा नाम उनके परिवार को नहीं दिखाई दिया। पास के मंदिर में घंटा और थाली भी शाम 5 बजे मोदी जी के आह्वान पर बजाने पहुंचे। यहां कहा कि उन्हें इस बात की खुशी है कि पूरा देश ‘कोरोना’ के लिए घंटी, थाली और ताली बजा रहा है। मैं समाज को ये संदेश देना चाहता हूं कि, मुश्किल घड़ी में भी सकारात्मक सोच के साथ इससे निजात पाया जा सकता है। यही वजह है कि उन्होंने बच्ची का नाम कोरोना रखा है।
गोरखपुर (Uttar Pradesh) । एक ओर लोग कोरोना वायरस को लेकर परेशान हैं। सोशल मीडिया पर भी करोना नाम की एक तस्वीर वायरल हो रही है। इसी बीच मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गृह जनपद में जनता कर्फ्यू के दौरान जिला अस्पताल में एक महिला ने नवजात बच्ची को जन्म दिया है, जिसका नाम उसके परिजनों ने 'कोरोना' रखा है। वायरस कोरोना का पूरी दुनिया में आतंक है? इस सवाल पर नवजात के चाचा ने दो टूक कहा कि इस वायरस से हमें अच्छी आदतों को अपनाने के लिए प्रेरित किया है। साथ ही पूरी दुनिया एकजुट भी हुई है। बच्ची का इससे अच्छा कोई और नाम नहीं हो सकता है।
यह है पूरा मामला
कौड़ीराम कस्बे के सोहगौरा गांव के रहने वाले बबलू त्रिपाठी की पत्नी रागिनी त्रिपाठी को आज सुबह जनता कर्फ्यू के बीच प्रसव पीड़ा शुरु हुई। पेशे से इंजीनियर देवर नीतेश राम त्रिपाठी ने भाभी रागिनी को जिला अस्पताल में भर्ती करवाया। जहां उसने दोपहर 12.20 बजे एक बच्ची को जन्म दिया।
चाचा ने बताया क्यों रखा ये नाम
बच्ची के चाचा नितेश ने बताया कि उनके बड़े भाई बाहर रहते हैं। मोदी जी ने आज जनता कर्फ्यू का आह्वान किया, जिस पर पूरे देश में लॉक डाउन है। ऐसे में ग्रामीण इलाके से जिला अस्पताल में आना मुश्किल रहा है। लेकिन, ऐसे केस में किसी भी तरह की कोई परेशानी नहीं हुई। वे निजी साधन से यहां पर आए। बच्ची के पैदा होने के बाद सभी परिवार के सदस्यों ने उसका नाम कोरोना रखने का फैसला किया है। उनका कहना है कि परिवार में लक्ष्मी आई है।
शाम को बजाई मंदिर में घंटी, कही ये बातें
बच्ची के चाचा ने कहा कि आज जनता कर्फ्यू का दिन है। ऐसे में कोरोना से अच्छा नाम उनके परिवार को नहीं दिखाई दिया। पास के मंदिर में घंटा और थाली भी शाम 5 बजे मोदी जी के आह्वान पर बजाने पहुंचे। यहां कहा कि उन्हें इस बात की खुशी है कि पूरा देश ‘कोरोना’ के लिए घंटी, थाली और ताली बजा रहा है। मैं समाज को ये संदेश देना चाहता हूं कि, मुश्किल घड़ी में भी सकारात्मक सोच के साथ इससे निजात पाया जा सकता है। यही वजह है कि उन्होंने बच्ची का नाम कोरोना रखा है।
(प्रतीकात्मक फोटो)