
लखनऊ (Uttar Pradesh). एएसपी पर 50 रुपए का जुर्माना लगा उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी करने का मामला सामने आया है। कोर्ट ने जुर्माना ठोंकते हुए यह आदेश दिया कि अफसर की सैलिरी से ये राशि काट ली जाए। साथ ही उनकी सर्विस बुक में भी इसको दर्ज किया जाए।
क्या है पूरा मामला
लखनऊ के हजरतगंज से संबंधित गंगा राम के खिलाफ भ्रष्टाचार का मामला पिछले 10 सालों से लंबित है। एएसपी डॉ. बीपी अशोक इस मामले में गवाह हैं। कोर्ट इन्हें गवाही के लिए काफी समय से बुला रही है, समन मिलने के बाद भी वह हाजिर नहीं हुए और न ही कोर्ट को कोई सूचना दी। इसपर भ्रष्टाचार निवारण के विशेष न्यायाधीश संदीप गुप्ता ने उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी करते हुए कहा कि एएसपी को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया जाए। मामले की अगली सुनवाई 6 जनवरी को होगी। कोर्ट ने आदेश दिया कि प्रमुख सचिव गृह और डीजीपी को पत्र लिख कर इसकी जानकारी दी जाए।
कोर्ट में सुनवाई पर क्या हुआ
बीते शुक्रवार को भ्रष्टाचार मामले में सुनवाई के दौरान आरोपी गंगाराम हाजिर था, लेकिन गवाह एएसपी डॉ बीपी अशोक कोर्ट में हाजिर नहीं हुए। पूछने पर पैरोकार ने बताया कि बीपी अशोक को फरमान मिल चुका है लेकिन वो न तो वह हाजिर हुए और न ही कोई जानकारी दी। इसपर न्यायाधीश संदीप गुप्ता काफी नाराज हुए। उन्होंने कहा, ऐसा लगता है कि गवाह जानबूझकर कोर्ट में गवाही देने के लिए हाजिर नही हो रहा है। जानबूझकर और सोच-समझ कर कोर्ट के आदेशों की अवहेलना कर रहा है। कारण बताओ नोटिस भी जारी किया गया, लेकिन उसका भी जवाब नहीं आया। जिससे लगता है कि बीपी अशोक को इस मामले में कुछ नहीं कहना है, लिहाजा उनके ऊपर 50 रुपये का अर्थदंड लगाया जाता है। जो उनके वेतन से काटने के बाद उनके सर्विसबुक में दर्ज किया जाए।
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