उस दिन का बेसब्री से इंतजार कर रही थी पत्नी, जवान के शव से लिपट कर बोली नहीं जी पाऊंगी तुम्हारे बिना

छत्तीसगढ़ के बीजापुर में सर्च आपरेशन के दौरान नक्सलियों से हुई मुठभेड़ में सीआरपीएफ जवान विकास कुमार शहीद हो गए। विकास यूपी के बांदा ​के रहने वाले थे। मंगलवार देर शाम इनका पार्थिव शरीर जब गांव पहुंचा तो जवान के अंतिम दर्शन को भारी भीड़ उमड़ पड़ी। वहीं, पत्नी का रो रोकर बुरा हाल है। पति के शव से लिपटकर वो बार बार बेहोश हो जा रही है। जवान का बुधवार को अंतिम संस्कार किया गया।

Asianet News Hindi | Published : Feb 12, 2020 7:07 AM IST / Updated: Feb 12 2020, 12:46 PM IST

बांदा (Uttar Pradesh). छत्तीसगढ़ के बीजापुर में सर्च आपरेशन के दौरान नक्सलियों से हुई मुठभेड़ में सीआरपीएफ जवान विकास कुमार शहीद हो गए। विकास यूपी के बांदा ​के रहने वाले थे। मंगलवार देर शाम इनका पार्थिव शरीर जब गांव पहुंचा तो जवान के अंतिम दर्शन को भारी भीड़ उमड़ पड़ी। वहीं, पत्नी का रो रोकर बुरा हाल है। पति के शव से लिपटकर वो बार बार बेहोश हो जा रही है। जवान का बुधवार को अंतिम संस्कार किया गया। 

ताबूत देख उससे लिपट गई पत्नी 
शहीद विकास का शव मंगलवार देर शाम बांदा के लामा गांव पहुंचा। ताबूत देखते ही पत्नी नंदनी दौड़कर उसके पास पहुंची और पति के शव से लिपट कर चीख चीखकर रोने लगी। उसके मुंह से सिर्फ एक ही बात निकल रही थी, मुझे छोड़कर क्यों चले गए, मैं नहीं जी पाउंगी तुम्हारे बिना। वहीं, शहीद की मां का भी रो रोकर बुरा हाल है। वो बार-बार देश के लिए बेटे की वफादारी और बलिदान पर गर्व की बात कह रही थीं।

शादी की सालगिराह से पहले उजड़ गया सुहाग
पत्नी ने कहा, मुझे गर्व है कि मैं एक शहीद की पत्नी हूं। हमारी शादी 23 फरवरी 2019 को हुई थी। वो आखिरी बार पिछले साल अक्टूबर में आए थे। उनके छोटे भाई आकाश की 7 मार्च को शादी है। उन्होंने कहा था कि सालगिराह यानी 23 फरवरी पर घर आएंगे। उन्होंने धूमधाम से सालगिराह मनाने की बात कही थी, लेकिन मुझे नहीं पता था कि उससे पहले ही मेरा सुहाग उजड़ जाएगा। 

ड्यूटी के साथ भाई की शादी की तैयारी में जुटा था जवान
शहीद के पिता रतेंद्र किसान हैं। विकास साल 2011 में सीआरपीएफ में भर्ती हुए थे। छत्तीसगढ़ के रायपुर में उनकी पोस्टिंग थी। 10 फरवरी को नक्सली हमले में वो शहीद हो गए। भाई आकाश ने कहा, शहादत के कुछ घंटे पहले भईया से फोन पर बात हुई थी। उन्होंने कहा था कि शादी के कार्ड छप गए हों तो ले आना। सभी को निमंत्रण दे देना। भईया ही शादी की सभी तैयारी कर रहे थे। उनको जितनी घर की चिंता थी, उससे ज्यादा अपने देश और ड्यूटी के प्रति गंभीर और वफादार थे।

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