सुप्रीम कोर्ट द्वारा सुनवाई की डेडलाइन तय करने के बाद से ही अयोध्या में हलचल तेज हो गई है। जिले में 10 दिसंबर तक के लिए धारा 144 भी लागू कर दी गई है। करीब 10 कंपनी पैरामिलिट्री फोर्स की मांग की गई है। काफी सुरक्षा बल अयोध्या पहुंच चुका है।
अयोध्या (Uttar Pradesh). सुप्रीम कोर्ट द्वारा सुनवाई की डेडलाइन तय करने के बाद से ही अयोध्या में हलचल तेज हो गई है। जिले में 10 दिसंबर तक के लिए धारा 144 भी लागू कर दी गई है। करीब 10 कंपनी पैरामिलिट्री फोर्स की मांग की गई है। काफी सुरक्षा बल अयोध्या पहुंच चुका है। इस बीच प्रमुख सचिव गृह अवनीश अवस्थी, मुख्य सचिव राजेंद्र तिवारी और डीजीपी ओपी सिंह ने मंगलवार को अयोध्या पहुंचे। यहां उन्होंने दीपोत्सव संबंधी सभी तैयारियों की समीक्षा की। साथ ही हनुमानगढ़ी में पूजन-अर्चना भी की। बता दें, 26 अक्टूबर को दीपोत्सव का मुख्य कार्यक्रम है, जिसमें सीएम योगी आदित्यनाथ हिस्सा लेंगे।
विहिप को नहीं मिली विवादित परिसर में दीपोत्सव की परमिशन
विश्व हिंदू परिषद के प्रवक्ता शरद शर्मा ने बताया, हम अधिग्रहीत 2.77 एकड़ परिसर में 5100 दिये जलाने की तैयारी कर रहा है। इस संबंध में मंडलायुक्त मनोज कुमार मिश्र से अनुमति मांगी गई थी। अधिग्रहीत भूमि के रिसीवर मंडलायुक्त हैं। हालांकि, उन्होंने इसकी परमिशन नहीं दी। बता दें, बाबरी मस्जिद के पक्षकार हाजी महबूब ने कहा था कि अगर विहिप को अधिग्रहीत परिसर में दीपोत्सव मनाने की छूट मिली तो मुस्लिम भी वहां नमाज पढ़ने के लिए इजाजत मांगेगा।
कोर्ट ने तय की है डेडलाइन
बता दें, चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली 5 जजों की बेंच ने अयोध्या मामले पर मध्यस्थता प्रक्रिया से कोई हल नहीं निकलने के बाद 6 अगस्त से रोजाना कार्रवाई शुरू की थी। सुप्रीम कोर्ट इलाहाबाद हाईकोर्ट के 2010 के फैसले के खिलाफ 14 अपीलों पर सुनवाई कर रहा है। पीठ ने इस मामले में न्यायालय की कार्रवाई पूरी करने की समय सीमा की समीक्षा की थी और 17 अक्टूबर की सीमा तय की है। इसके बाद करीब चार हफ्ते तक फैसला लिखा जाएगा। बेंच के सदस्यों में जस्टिस एसए बोबडे, डीवाई चंद्रचूड़, अशोक भूषण और एसए नजीर भी शामिल हैं। कोर्ट ने अंतिम चरण की दलीलों के लिए कार्यक्रम निर्धारित करते हुए कहा था कि मुस्लिम पक्ष 14 अक्टूबर तक अपनी दलीलें पूरी करेंगे और इसके बाद हिंदू पक्षकारों को जवाब देने के लिए 16 अक्टूबर तक का समय दिया जाएगा।