बिजनौर में एक दिव्यांग टेलर खुद से मास्क बनाकर लोगों को फ्री में बांट रहा है। वह मास्क बनाकर लोगों को बुलाकर दे रहा है
बिजनौर (Uttar Pradesh). कोरोना वायरस को लेकर इस वक्त देश के लोग दहशत में है। इस कोरोना संकट से हुए लॉकडाउन से लोगों का व्यवसाय चौपट हो गया है। लेकिन लोगों को कोरोना के संक्रमण से बचने के लिये घर में रहने की अपील की गई है। लोगों को चेहरे पर मास्क लगाने हिदायत दी गई है। ऐसे में बिजनौर में एक दिव्यांग टेलर खुद से मास्क बनाकर लोगों को फ्री में बांट रहा है। वह मास्क बनाकर लोगों को बुलाकर दे रहा है। इस टेलर का घर केवल इसी सिलाई पर निर्भर है लेकिन जब देश संकट में है तो उसका ये प्रयास लोगों के लिए एक मिसाल बन गया है।
उत्तर प्रदेश के बिजनौर में दिव्यांग जगदीश ने लोगों के सामने एक मिसाल पेश की है। जगदीश बिजनौर के सालमाबाद गांव का रहने वाला है। वह जीविका चलाने के लिए सिलाई का काम करता है। ऐसे में जगदीश का घर इसी सिलाई के पैसे पर निर्भर है। लॉकडाउन में जगदीश के कस्टमर्स आने कम हो गए। सरकार द्वारा बार-बार मास्क पहनने की अपील के बाद उसके भी मन में ये ख्याल आया कि क्यों न मास्क ही बनाकर लोगों को दिया जाए। बस उसने उसी दिन से मास्क बनाकर लोगों को देना शुरू कर दिया। बड़ी बात ये है कि जगदीश ये मास्क बिलकुल फ्री में देता है और सभी से उसे पहनने की अपील करता है।
डेढ़ सौ से अधिक मास्क बांट चुका है जगदीश
ग्राम प्रधान पवन कुमार ने मीडिया को बताया कि ने जगदीश की मदद के लिए एक सामाजिक संस्था से सम्पर्क किया गया। संस्था ने जगदीश की मेहनत और जज्बे को देखते हुए उसे मास्क बनाने का सामान उपलब्ध कराया है। जगदीश ने इन दिनों रोजाना के कपड़े सिलने का काम रोक दिया है और रात-दिन मास्क सिलने का काम शुरू कर दिया है। जगदीश अब तक 150 से अधिक मास्क सिलकर लोगों को फ्री में बांट चुके हैं।
सरकार से छोड़ चुका है मदद की उम्मीद
जगदीश ने मीडिया को बताया कि वह घर पर ही कपड़े सिलकर किसी तरह परिवार चलाता है। उसके पास जीविका का कोई भी दूसरा साधन नहीं है। वह दिव्यांग है और कई बार पेंशन के लिए सरकारी दफ्तरों का चक्कर लगा चुका है। लेकिन उसे कहीं से मदद न मिली। उसका कहना है है कि यदि उसके काम से अगर लोगों को कोई फायदा हो तो यह उसका सौभाग्य होगा।