कोरोना से बचाव में उपयोग के लिए खोला जाएगा इस मंदिर का दानपात्र, 6 दशक से इकट्ठा हो रही है दान की रकम

तकरीबन 6 दशक से मंदिर के दानपात्र में इकट्ठा धन को निकला नहीं गया है। अब मंदिर के पुजारी व ग्रामीणो ने ये फैसला किया है कि यह दानपात्र अब अधिकारियों की मौजूदगी में यह खुलेगा। दान पात्र से निकले रुपयों को कोरोना से बचाव के लिए खर्च किया जाएगा

Asianet News Hindi | Published : Mar 29, 2020 12:07 PM IST

सिद्धार्थनगर(Uttar Pradesh ). देश में तेजी से अपने पांव पसार रही भयानक महामारी कोरोना वायरस से निबटने के लिए समाज का हर तबका अब एकजुट नजर आ रहा है। जहां सरकार इससे लोगों की मदद करने के हरसम्भव प्रयास में जुटी है वहीं कई व्यसायिक घराने व आम जनता भी मदद के इस सिलसिले में जुड़ती दिख रही है। यूपी के सिद्धार्थनगर में एक मंदिर के दानपात्र में इकट्ठा धन कोरोना से बचाव के लिए इस्तेमाल करने का फैसला लिया गया है। इसके लिए पुजारी समेत ग्रामीणो ने जिला प्रशासन से बात कर यह धन देने का आग्रह किया है। 

यूपी के सिद्धार्थनगर के डुमरियागंज में प्राचीन महाकाली का मंदिर है। इस मंदिर में दूर-दूर से लोग अपनी मन्नतों को लेकर दर्शन करने आते हैं। बहुत से लोग मंदिर में रखे दानपात्र में चढ़ावा भी चढ़ाते हैं। तकरीबन 6 दशक से मंदिर के दानपात्र में इकट्ठा धन को निकला नहीं गया है। अब मंदिर के पुजारी व ग्रामीणो ने ये फैसला किया है कि यह दानपात्र अब अधिकारियों की मौजूदगी में यह खुलेगा। दान पात्र से निकले रुपयों को कोरोना से बचाव के लिए खर्च किया जाएगा।

मंदिर निर्माण के बाद से कभी नहीं खुला है दानपात्र 
यहां के स्थानीय निवासी राजेश दुबे के मुताबिक इस मंदिर का इतिहास काफी पुराना है। लेकिन यहां तकरीबन 70 वर्ष पहले भव्य मंदिर की स्थापना करवाई गई थी ,उसी समय से मंदिर में ये दानपात्र रखा हुआ है। उनका  कहना है कि दानपात्र की चाभी गांव के संभ्रांत व्यक्ति के पास है। अब सभी ने ये फैसला किया है कि अधिकारियों की मौजूदगी में इस दानपात्र को खोलकर उसे कोरोना से बचाव के लिए सरकार द्वारा किए जारी खर्च के लिए मदद में भेजा जाए। 

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