कोविड के बढ़ते मामलों को देखते हुए काशी विश्वनाथ मंदिर के गर्भगृह में भक्तों के प्रवेश पर अगले आदेश तक के लिए रोक लगा दी गई है। आपको बता दें कि जिले में तेजी के साथ कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए यह फैसला किया गया है।
वाराणसी: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में कोरोना संक्रमण (Covid 19) बीते 1 महीने से तेजी के साथ फैलता जा रहा है। इसी के चलते प्रदेश सरकार की ओर से लगातार कोविड प्रोटोकॉल (covid protocol) के पालन को लेकर नए नए निर्देश जारी किए जा रहे हैं। इन सब के बीच अब वाराणसी में कोविड के बढ़ते मामलों को देखते हुए काशी विश्वनाथ मंदिर (kashi vishwanath temple) के गर्भगृह में भक्तों के प्रवेश पर अगले आदेश तक के लिए रोक लगा दी गई है। आपको बता दें कि जिले में तेजी के साथ कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए यह फैसला किया गया है। वाराणसी (Varanasi) में पिछले तीन दिनों से कोरोना के नए मामलों में अचानक तेजी आ गई है। इस बीच शहर में अन्य पाबंदियां भी सोमवार से लागू की गई हैं।
मंडलायुक्त ने मंदिर प्रशासन को दिए जरूरी दिशानिर्देश
रविवार को काशी विश्वनाथ मंदिर पहुंचे मंडलायुक्त दीपक अग्रवाल ने कहा कि दूसरे शहरों से रोजाना बड़ी संख्या में लोग बाबा के दर्शन पूजन को आ रहे हैं। भक्तों के बीच सोशल डिस्टेंसिंग बनी रहे व कोरोना प्रोटोकॉल का पालन होता रहे इसलिए यह निर्णय किया गया है। उन्होंने मंदिर प्रशासन को सेनेटाइजेशन और थर्मल स्कैनिंग की व्यवस्था और सुदृढ़ करने का निर्देश भी दिया है। आपको बता दें कि वाराणसी में बीते दिनों काशी विश्वनाथ धाम के लोकार्पण के बाद से भारी भीड़ उमड़ रही है। भीड़ को नियंत्रित करने के लिए मंदिर और जिला प्रशासन को काफी मशक्कत करनी पड़ रही है। अब भक्तों को बाहर से ही झांकी दर्शन कराया जाएगा। जलाभिषेक के लिए गर्भगृह के पास विशेष पात्र लगाए जाएंगे।
लोकार्पण के बाद से पांच गुना बढ़ी भीड़
नए साल की शुरुआत के साथ ही धाम में लोगों की भारी भीड़ दिखाई देनी शुरू हो गई थी। साल के पहले दिन तो आसपास के मुहल्ले भी लोगों की भीड़ के कारण ठसाठस हो गए थे। तभी से वरिष्ठ अधिकारियों ने मंथन शुरू कर दिया था। पीतल के विशेष पात्र (अर्घ्या) के जरिए भक्तों को जलाभिषेक व दुग्धाभिषेक की व्यवस्था हो गई है। अधिकारियों की मानें तो काशी विश्वनाथ धाम के लोकार्पण के बाद सामान्य दिनों से पांच से आठ गुना ज्यादा भक्त पहुंच रहे हैं।
गर्भगृह में मुख्य लोगों को दी गई प्रवेश की अनुमति
प्रशासन की तैयारी के मुताबिक, गर्भगृह में केवल अर्चक, पुजारी और सेवादारों को प्रवेश दिया जाएगा। दैनिक पूजन और आरती की व्यवस्था निरंतर परम्परागत तरीके से जारी रहेगी। सेवादारों को केवल सफाई के लिए प्रवेश दिया जाएगा। यह व्यवस्था वर्तमान में चल रही है।
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