यमुना एक्सप्रेस वे की क्या है खासियत,जहां गाड़ियों को रोककर कराई गई विमान की इमरजेंसी लैंडिंग

यह एक्सप्रेसवे दोनों तरफ से कटीले तार से घिरा हुआ है। इससे किसी जानवर या अन्य के अचानक सड़क पर आने की संभावना भी नहीं है। विमानों की लैंडिंग के लिए जो सबसे अहम होता है, वह रनवे का समतल और अवरोधविहीन होना। यमुना एक्सप्रेसवे इस मायने में भी खरा है। टोल प्लाजा वाले स्थानों को छोड़कर लंबी दूरी तक यह समतल है। इससे जमीन पर उतरने के बाद विमान असंतुलित नहीं हो सकता।
 

Asianet News Hindi | Published : May 27, 2021 1:06 PM IST / Updated: May 27 2021, 06:39 PM IST

मथुरा (Uttar Pradesh) । यमुना एक्सप्रेस वे पर एक बार फिर विमान की इमरजेंसी लैंडिंग कराई गई। इस बार यमुना एक्सप्रेस पर थाना नौहझील के निकट गुरुवार को दो सीट वाले विमान की इमरेंजी लैंडिंग कराई गई। इसके लिए दोनों तरफ से वाहनों का आवागमन कुछ देर के लिए रोक दिया गया। हालांकि लैंडिंग के बाद आवागमन शुरू कर दिया गया। बता दें कि यमुना एक्सप्रेसवे पर इससे पहले लड़ाकू विमान उतारे जा चुके हैं।

इस कारण करानी पड़ी इमरेंजी लैंडिंग
विमान के पायलट और को-पायटल सुरक्षित हैं। विमान में कोई तकनीकी खराबी आ गई, जिसके बाद यमुना एक्सप्रेसवे पर यह लैंडिंग कराई गई। बताया जाता है कि इस विमान ने अलीगढ़ से उड़ान भरी थी और यह नारनौल जा रहा था। 

खास है यमुना एक्सप्रेसवे
एक्सप्रेसवे सीमेंट और कंकरीट से बना है। इसका आधार भी इतना मजबूत है कि यह एक ही स्थान पर 20 टन से ज्यादा का दबाव सह सकता है, जबकि लड़ाकू विमान का वजन इसके आधे से भी कम होता है। यह एक के बाद एक कई विमानों का दबाव सहने की स्थिति में है। 

इस कारण होती है यहां इमरजेंसी लैंडिंग
यह एक्सप्रेसवे दोनों तरफ से कटीले तार से घिरा हुआ है। इससे किसी जानवर या अन्य के अचानक सड़क पर आने की संभावना भी नहीं है। विमानों की लैंडिंग के लिए जो सबसे अहम होता है, वह रनवे का समतल और अवरोधविहीन होना। यमुना एक्सप्रेसवे इस मायने में भी खरा है। टोल प्लाजा वाले स्थानों को छोड़कर लंबी दूरी तक यह समतल है। इससे जमीन पर उतरने के बाद विमान असंतुलित नहीं हो सकता।

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