यूपी के इटावा जनपद में 11 फीट लंबा मगरमच्छ खेत में पाया गया। मालिक को देर रात कुत्ते के भौंकने के बाद इस बारे में जानकारी लगी। चंबल सेंचुरी विभाग ने मगरमच्छ को दो घंटे की मशक्कत के बाद पकड़ने में सफलता हासिल की।
इटावा: चंबल नदी से तकरीबन आधा किलोमीटर की दूरी पर भरेह गांव में विशालकाय मगरमच्छ मिलने के बाद हड़कंप मच गया। मगरमच्छ को चंबल सेंचुरी विभाग की टीम के द्वारा दो घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद पकड़ा जा सका। इस 11 फुट लंबे और तकरीबन 200 किलो वजनी मगरमच्छ का पता पालतू कुत्ते के भौंकने के बाद ही लगा। वहीं चंबल सेंचुरी के वन रेंज अधिकारी हरीशंकर शुक्ला की ओर से बताया गया कि कुत्ते के भौंकने के बाद ग्रामीणों को मगरमच्छ के बारे में पता लग सका। उन्होंने इसकी सूचना वन विभाग को दी और टीम ने पहुंचकर उसे रेस्क्यू किया।
टॉर्च जलाकर देखने के बाद किसान भी रह गया दंग
आपको बता दें कि भरेह गांव के किसान रामकुमार रात में अपनी फसल की रखवाली करने के लिए खेत में बनी मचान पर लेटे हुए थे। रात तकरीबन 9 बजे उन्हें खेत में हलचल दिखी। इसके बाद कुत्ता भी जोर-जोर से भौंकने लगा। रामकुमार ने किसी जंगली जानवर की आशंका में आवाज लगाई। इसके बाद जब टॉर्च जलाकर देखा तो वह भी दंग रह गए। दरअसल वहां पर भारी भरकम मगरमच्छ मौजूद था। किसान का शोर सुनकर आसपास के लोग भी वहां पहुंचे। इसके बाद मामले को लेकर प्रधान राघवेंद्र प्रताप सिंह सेंगर को जानकारी दी गई। उन्होंने सेंचुरी विभाग को इसके बारे में अवगत करवाया।
वयस्क मगरमच्छ को चंबल नदी में छोड़ा गया
मौके पर पहुंची सेंचुरी विभाग की टीम ने दो घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद जाल डालकर मगरमच्छ को पकड़ा। रेंजर हरि किशोर शुक्ला के द्वारा जानकारी दी गई कि पकड़े गए वयस्क मगरमच्छ को चंबल नदी में छोड़ दिया गया है। उन्होंने बताया कि बाढ़ के चलते नदी के पास मगरमच्छ का जाना कम हो गया है। मगरमच्छ गाय और भैंस का गोबर भी खाते हैं। इस समय बाढ़ के चलते गाय और भैंस नदी के पास नहीं जा रहे इसी के चलते मगरमच्छ गांव की ओर आ गया।