अभी तक लोग खाने-पीने की मिलावटी चीजों से ही परेशान थे, लेकिन यह खबर वाकई हैरान करने वाली है। उत्तर प्रदेश पुलिस ने एक ऐसी केमिकल कंपनी का भंडाफोड़ किया है, जहां नकली डीजल-पेट्रोल बनाया जाता था।
मेरठ. अभी तक पेट्रोल-डीजल में मिलावट की बात सुनी होगी, लेकिन यह खबर शॉक्ड करती है। उत्तर प्रदेश पुलिस ने एक ऐसी केमिकल फैक्ट्री का भंडाफोड़ किया है, जहां केमिकल के जरिये निकली पेट्रोल-डीजल बनाया जाता था। यहां से इसे कुछ पेट्रोल पंपों और दुकानों पर सप्लाई किया जा रहा था। पुलिस ने यहां से 2.10 लाख लीटर नकली पेट्रोल-डीजल जब्त किया है। इस मामले में 10 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
थिनर और रंगों के जरिये बनाते थे नकली पेट्रोल-डीजल
आईजी आलोक सिंह ने बताया कि परतापुर में गणपति पेट्रो और टीपीनगर के इंडस्ट्रियल एरिया में राजीव जैन की पारस केमिकल फैक्ट्री में नकली पेट्रोल-डीजल बनाए जाने की सूचना मिली थी। इसके बाद एसपी देहात अविनाश पांडेय की अगुवाई में पुलिस टीम ने दोनों फैक्ट्रियों पर छापा मारा। यहां थिनर और सॉल्वेंट में रंग मिलाकर नकली पेट्रोल-डीजल बनाया जाता था। इन्हें एक टैंकर पेट्रोल-डीजल बनाने में अधिकतम 15 मिनट लगते थे। पुलिस ने गण्पति पेट्रो के मालिक प्रदीप गुप्ता सहित 10 लोगों को अरेस्ट किया है।
38 रुपए में बेचते थे नकली फ्यूल
तेल माफिया 38 रुपए में नकली पेट्रोल-डीजल तैयार करते थे। फिर उसे कुछ पेट्रोल पंपों और दुकानों पर सप्लाई कर देते थे। एक आरोपी राजीव जैन खुद पेट्रोल पंप का मालिक है। आरोपियों ने पूछताछ के दौरान कुछ और पेट्रोल पंपों की सांठगांठ उजागर की है। इसकी जानकारी पेट्रोलियम कंपनी को दी गई है।