
सहारनपुर (उत्तर प्रदेश). केंद्र और राज्य सरकार चुनाव के समय किसानों के हित के लिए नई-नई योजानाओं का ढोल पीटती हैं। लेकिन चुनाव जीतने के बाद हकीकत कुछ और ही होती है। देश में आज भी लाखों किसान बैंक और साहूकारों के कर्ज के बोझ के तले दब कर आत्महत्या और अपने शरीर के अंग बेचने को मजबूर हैं। ऐसा ही एक मामला यूपी में सामने आया हैं जहां एक किसान को कर्ज चुकाने के लिए अपनी किडनी बेचने का विज्ञापन सोशल मीडिया पर देना पड़ा। शनिवार को यह मामला सामने आया तो प्रशासन में हड़कंप मच गया। हालांकि ऐसा करना गैरकानूनी है।
दरअसल यह मामला उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले का हैं। यहां के किसान रामकुमार ने ही सोशल मीडिया पर अपनी किडनी बेचने का विज्ञापन दिया था, जो बाद में सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। किसान की किडनी खरीदने के लिए लोगों ने उसे एक करोड़ रुपए का ऑफर तक दे डाला।
किसान ने डेयरी चलाने के लिया था लोन
सूत्रों के अनुसार किसान ने साहूकारों से डेयरी चलाने के लिए 10 लाख रुपए का कर्जा लिया था। अब इन रुपयों का ब्याज इतना अधिक हो गया कि वह अपनी किडनी बेचने के लिए मजबूर हो गया। किसान ने कहा-मैंने इससे पहले कई बार कर्ज लेने के लिए बैंक में आवेदन दिया, लेकिन बैंक ने कर्ज देना तो दूर आवेदन भी स्वीकार नहीं किया।
सरकार की योजाना का भी नहीं मिला कोई फायदा
किसान रामकुमार के मुताबिक, उसने राज्य में बसपा, सपा और अब बीजेपी सरकार में तीन-तीन बार प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के तहत डेयरी फार्मिंग की ट्रेनिंग ली है। इस ट्रेनिंग के बाद बैंक किसान को स्वरोजगार योजना के तहत दूधारू पशुपालन के लिए सरकार कर्ज देती है। लेकिन उसको इसका कोई फायदा नहीं हुआ। दरअसल रामकुमार डेयरी का काम शुरु करना चाहता था। इसलिए वह लोन लेना चाहता था। आखिर में निराश होकर उसने साहूकारों से 10 लाख रुपए का कर्ज लिया और अपना काम शुरू किया। लेकिन डेयरी में ज्यादा फायादा नहीं हुआ और लगातार उसे घाटा लगता गया।
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