गढ्ढे को भरने के लिए हो रही थी मिट्टी की खुदाई, अचानक लगा फावड़ा और बिखर गया बेशकीमती खजाना

उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में जमीन की खुदाई करते समय किसान को बेशकीमती खजाना मिला है। ये किसान अपने घर के सामने  अपनी ही जमीन से मिट्टी की खुदाई कर रहा था। तभी उसे एक घड़े में खजाना मिला।

Asianet News Hindi | Published : Apr 10, 2020 7:52 AM IST / Updated: Apr 10 2020, 01:27 PM IST

अलीगढ़ (Uttar Pradesh ). उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में जमीन की खुदाई करते समय किसान को बेशकीमती खजाना मिला है। ये किसान अपने घर के सामने  अपनी ही जमीन से मिट्टी की खुदाई कर रहा था। तभी उसे एक घड़े में खजाना मिला। किसी ने इसकी सूचना पुलिस को दे दी। पुलिस ने फिलहाल 21 सिक्के बरामद किए हैं जबकि अन्य सिक्कों की तलाश जारी है। 

मामला अलीगढ़ के लोधा क्षेत्र के डिगसी गांव का है। यहां के रहने वाले किसान नेपाल सिंह अपने घर के पास ही स्थित अपनी टीले जैसी जमीन की खुदाई करवा रहे थे। इसी दौरान खुदाई करते समय फावड़ा एक  कलश से टकराया। फावड़े की चोट से कलश टूट गया और उसमे रखे चांदी के सिक्के जमीन पर बिखर गए। इसके सूचना जब आसपास के लोगों को हुई तो सिक्कों की लूट मच गई। किसान नेपाल सिंह ने इसकी सूचना पुलिस को दी। पुलिस मौके पर पहुंच कर छानबीन में लगी हुई है। 

पुलिस आते ही बदल दिया बयान 
पुलिस के आते ही किसान नेपाल सिंह ने अपना बयान बदल दिया। उसने पुलिस को बताया कि ये उसकी पैतृक जमीन है। जमीन में चांदी के सिक्के उसके पूर्वजों ने गाड़े थे। उसने बताया कि खुदाई में निकले सिक्के को आसपास के लोग लेकर भाग गए हैं। पुलिस ने गांव में तलाशी अभियान शुरू किया तो नेपाल सिंह के पास से 2 सिक्के, 14 सिक्के उसके घर के अंदर से और 4 सिक्के पड़ोस से व 1 सिक्का एक अन्य व्यक्ति से बरामद किया। पुलिस ने फिलहाल 21 सिक्के बरामद किए हैं जबकि अन्य सिक्कों की तलाश जारी है। 

जार्ज पंचम के समय के हैं सिक्के 
इस संबंध मे एएमयू के इतिहास विभाग के चेयरमैन प्रो. नदीम रिजवी ने सिक्कों की पड़ताल के बाद बताया कि ये चांदी के सिक्के भारत में शासक रहे जार्ज पंचम के समय के हैं। जार्ज पंचम 1911 से 1936 तक भारत में रहे थे। वर्ष 1919 से 1923 तक उन्होंने दिल्ली से अपनी तस्वीर वाले चांदी के सिक्के जारी कराए थे। ये असली चांदी के सिक्के हैं। 

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