यूपी के बलिया जिले में 8 साल पहले मरने वाले पिता-पुत्र को बुधवार को स्थानीय अदालत की ओर से न्याय मिला। मामले से स्थानीय अदालत की ओर से घटना में दोषी पाए गए 6 लोगों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई।
बलिया: अक्सर आपने सुना होगा कि भगवान के घर देर है लेकिन किअंधेर नहीं। यानी किसी के साथ अगर अन्याय हुआ है तो उसे देर-सवेर न्याय जरूर मिलता है। ऐसा ही एक किस्सा यूपी के बलिया जिले से सामने आया। जहां, 8 साल पहले मरने वाले पिता-पुत्र को बुधवार को स्थानीय अदालत की ओर से न्याय मिला। मामले से स्थानीय अदालत की ओर से घटना में दोषी पाए गए 6 लोगों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई।
अंतिम संस्कार से घर लौटते वक्त हुई थी हत्या
पूरा मामला यूपी के बलिया जिले का है। जहां उभांव थाना क्षेत्र स्थित उभांव गांव में बीते 31 अगस्त 2014 की शाम मऊ जिले के बेलौली थाना क्षेत्र के बासतराव गांव के रहने वाले बिंदेश्वरी तिवारी और उनका पुत्र परशुराम तिवारी मोटरसाइकिल से एक अंतिम संस्कार के कार्यक्रम में शामिल होकर घर लौट रहे थे। रास्ते में दोनों की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। बिंदेश्वरी तिवारी के बेटे आनन्द तिवारी ने उभांव थाने में इस मामले में सात लोगों के विरुद्ध भारतीय दंड संहिता की सुसंगत धारा में नामजद मुकदमा दर्ज कराया था।
8 साल बाद 6 आरोपियों को मिली सजा
इस मामले में इतने सालों तक पीडित परिवार पिता-पुत्र को न्याय दिलाने के लिए दरबदर भटकता रहा। जिसके बाद अपर जिला न्यायाधीश अरुण कुमार ने मंगलवार को दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद छह आरोपियों राजेश सिंह, अनूप सिंह, प्रवीण तिवारी उर्फ सोनू, धनंजय सिंह, सम्पूर्णानन्द यादव उर्फ वुआ और स्वामीनाथ तुरहा को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास और 50-50 हजार रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई। अदालत ने एक आरोपी को सबूतों के अभाव में दोषमुक्त करार दिया।
अमेठी में मां-बेटे का शव मिलने से हड़कंप, हत्या की आशंका, देखें वीडियो
अमेठी: घर के बाहर सो रहे थे ग्राम प्रधान, गोली मारकर फरार हुए बदमाश, देखें वीडियो